जनमानस में भगवान श्रीराम की छबि मर्यादा पुरुषोत्तम की है। श्रीराम ने मानवीय मर्यादा की वो अमिट कहानी गढ़ी हैं, जो जन्म-जन्मांतर तक आदर्श के रूप में रहेगी। श्रीराम भले ही त्रेतायुग में जन्में थे, लेकिन उनके विचार कलयुग में भी प्रासांगिक हैं।
भगवान श्रीराम के वैसे तो देशभर में कई मंदिर हैं। लेकिन यहां उन विशेष मंदिरों के बारे में जिक्र करेंगे, जिनके बारे में जानना बेदह जरूरी है।भगवान राम का जन्म अयोध्या में हुआ था। अयोध्या सरयू नदी के तट पर बसा है। वाल्मीकि रामायण के अनुसार अयोध्या को ‘मनु’ ने बसाया था। यहां पर मौजूद श्रीराम मंदिर दुनियाभर में प्रसिद्ध है।
दक्षिण भारत में श्रीराम
ऐसा नहीं कि उत्तर भारत में ही श्रीराम के मंदिर हों, दक्षिण भारत में भी श्रीराम के मंदिर मौजूद हैं। कर्नाटक के मेलकोट में स्थित श्री तिरुनारायण स्वामी मंदिर है।
यह मंदिर मांड्या जिला तहसील पांडवपुरा का एक छोटा-सा कस्बे में है। जो कावेरी नदी के तट पर बसा है। इस स्थान को तिरुनारायणपुरम भी कहते हैं। यह एक छोटी-सी पहाड़ी है जिसे यदुगिरि कहते हैं।
वहीं केरल के कन्नूर जिले में थालास्सेरी में भी श्रीराम का मंदिर स्थित है। यह मंदिर थिरुवंगड श्रीरामस्वामी मंदिर के नाम से जाना जाता है। मान्यता है कि इस मंदिर का जीर्णोद्धार अंग्रेजों ने करवाया था। सर्वप्रथम यहां भगवान परशुराम ने विष्णु मंदिर का निर्माण करवाया था।
केरल में ही श्रीराम का एक ओर मंदिर है। यह मंदिर जिला त्रिसूर के तिरुविल्वम में स्थित है। दूर-दूर से लोग इस मंदिर की भव्यता देखने आते हैं।