प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक बार फिर जान से मारने की धमकी मिली है। इस बाबत एक धमकी भरा मेल दिल्ली पुलिस कमिश्नर को मिला है। बताया जा रहा है कि इस एक लाइन के ई-मेल में पीएम मोदी को न केवल जान से मार देने की बात लिखी है, बल्कि इसका समय तय करते हुए 2019 के किसी महीने का ई-मेल में जिक्र भी है। यह धमकी भरा ई-मेल देश के पूर्वोत्तर राज्य असम के किसी जिले से भेजा गया है।वहीं, इस ई-मेल के बाद पुलिस प्रशासन में हड़कंप मच गया है।
सूत्रों के मुताबिक, पीएम बनने से पहले ही यानी गुजरात का मुख्यमंत्री रहने के दौरान से नरेंद्र मोदी आतंकियों के निशाने पर हैं। पुलिस का कहना है कि यह मेल असम के किसी जिले से भेजा गया है। मेल मिलने के बाद ही पुलिस इसकी तफ्तीश में जुट गई है।
गौरतलब है कि इससे पहले भीमा कोरेगांव हिंसा मामले में पांच संदिग्धों की गिरफ्तारी के बाद नक्सलियों की ओर से पीएम मोदी की हत्या की साजिश रचे जाने का सनसनीखेज खुलासा हुआ था। नक्सलियों के संपर्क में रहने के आरोप में दिल्ली से गिरफ्तार किए गए रोना जैकब विल्सन के पास से मिली चिट्ठी से साजिश का खुलासा हुआ था। हालांकि यह पहली बार नहीं है कि किसी ने पीएम मोदी को जान से मारने की धमकी दी हो। लगातार मिल रही धमकियों के मद्देनजर इससे पहले 2014 में मोदी के पीएम बनते ही उनकी सुरक्षा व्यवस्था को काफी मजबूत कर दिया गया है।
1000 कमांडो करते हैं पीएम मोदी की सुरक्षा
बताया जाता है कि धमकियों के चलते ही पीएम बनने के बाद नरेंद्र मोदी की सुरक्षा घेरा को लगभग अचूक बना दिया गया है। पीएम मोदी जहां भी जाते हैं, वहां जमीन से लेकर आसमान तक चप्पे-चप्पे पर नजर रखी जाती है। मोदी की सिक्युरिटी मनमोहन सिंह की तुलना में तकरीबन दोगुनी है।उनकी सुरक्षा में विभिन्न घेरों के तहत एक हजार से ज्यादा कमांडो तैनात रहते हैं।
देश के किसी भी हिस्से में राजनीतिक या अन्य दौरों और कार्यक्रमों के दौरान एसपीजी के जवान तैनात रहते हैं। इससे पहले मोदी के काफिले में चलने वाली कारों की एसपीजी अच्छी तरह जांच करती है। बता दें कि पीएम मोदी के काफिले में एक जैमर से लैस गाड़ी रहती है, जिसमें दो एंटिना फिट रहते हैं। ये सड़क के दोनों तरफ 100 मीटर की दूरी तक रखे बिस्फोटक को निष्क्रिय कर सकते हैं।