अमेरिका द्वारा ईरान पर प्रतिबन्ध जारी हैं, ऐसे में अमेरिका उन देशों पर भी प्रतिबन्ध लगा सकता है, जो अमेरिका के प्रतिबन्ध के बाद भी ईरान से व्यापारिक संबंध रखते हैं. इसका गहरा प्रभाव भारत पर भी पड़ सकता है, इसी संबंध में भारत से बातचीत करने के लिए ईरान मामलों पर अमेरिका के एक शीर्ष राजनयिक इसी सप्ताह नई दिल्ली आ रहे हैं.

अमेरिका के विशेष प्रतिनिधि ब्रायन हुक ईरान के प्रति अमेरिका की नीति पर चर्चा करने के लिए भारत के अलावा यूरोपीय देशों की भी यात्रा करेंगे. अपनी भारत यात्रा के दौरान हुक और अमेरिका के ऊर्जा संसाधन मामलों के सहायक विदेश मंत्री फ्रांसिस आर. फैनन अपने भारतीय समकक्षों से मुलाकात करेंगे. विदेश मंत्रालय का कहना है कि अमेरिका का कहना है कि अमेरिका के सभी सहयोगी देश 4 नवंबर से ईरान से कच्चा तेल खरीदना बंद कर दें, नहीं तो अमेरिका द्वारा प्रतिबन्ध झेलने के लिए तैयार रहें
गौरतलब है कि कुछ दिन पहले यह खबर आई थी कि भारत अमेरिका के प्रतिबंधों के बाद भी ईरान से तेल खरीदना जारी रखेगा. खबर में बताया गया था कि नवंबर महीने में ही भारत की इंडियन ऑयल कॉर्प और मैंगलोर रिफाइनरी व् पेट्रोकेमिकल्स लिमिटेड ईरान से 9 मिलियन बैरल कच्चा तेल खरीदने वाली है. ऐसे में अमेरिका और भारत के बीच तनाव की स्तिथि बनने की सम्भावना है.
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