डेरा सच्चा सौदा के मुख्य गुरमीत राम रहीम सिंह को एक बड़ी राहत देते हुए पंचकूला की स्पेशल सीबीआई अदालत ने उन्हें बंध्याकरण मामले में नियमित जमानत दे दी है. इससे पहले 23 अगस्त को विशेष न्यायिक मजिस्ट्रेट सीबीआई ने उनके जमानत आवेदन को खारिज कर दिया था, इसके बाद डेरा प्रमुख ने आदेश को चुनौती दी थी और विशेष सीबीआई न्यायाधीश जगदीप सिंह के सामने आवेदन किया था, जिन्होंने शुक्रवार को उनकी जमानत याचिका स्वीकार कर ली है.
हालांकि, डेरा प्रमुख जेल से बाहर नहीं आ पाएंगे क्योंकि उन्हें सीबीआई अदालत ने पिछले साल सितंबर में दो साध्वियों से बलात्कार करने के जुर्म में 20 साल की कारावास की सजा सुनाई थी. हाल ही में, पंचकुला सीबीआई अदालत ने गुरमीत के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 326 (खतरनाक हथियारों या साधनों से गंभीर चोट पहुंचाने), 417 (धोखाधड़ी) और 506 (आपराधिक धमकी) के तहत गंभीर आरोप लगाए थे.
इसके अलावा, सीबीआई ने डेरा सच्चा सौदा के प्रमुख राम रहीम के बारे में एक और बड़ा खुलासा किया था. सीबीआई ने अपनी चार्जशीट में राम रहीम पर आरोप लगते हुए बताया था कि राम रहीम जमीन और संपत्ति इकट्ठा करने के लिए अपने भक्तों को नपुंसक बनाने के लिए प्रेरित करता था. यह चार्जशीट सीबीआई ने पंचकूला की विशेष अदालत के सामने दाखिल की है.
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