कर्नाटक के मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी ने लंबे समय बाद अपनी सरकार को लेकर कॉन्फिडेंस दिखाया है. एचडी कुमारस्वामी ने पूरे आत्मविश्वास के साथ कहा कि उनकी सरकार पूरी तरह स्थिर है. उन्होंने कहा, ‘कर्नाटक में हमारी सरकार स्थिर है. यह पूरे पांच साल चलेगी.’ जब उनसे पूछा गया कि कांग्रेस और जेडीएस के 18 विधायक बीजेपी में जाने वाले हैं? इसपर कुमारस्वामी ने कहा कि बीजेपी मौजूदा सरकार को अस्थिर करना चाहती है. सरकार पूरी तरह स्थिर है.
इससे पहले 26 अगस्त को कुमारस्वामी ने कहा था, ‘3 सितंबर को नए मुख्यमंत्री शपथ लेंगे. ये महत्वपूर्ण नहीं है कि मैं कितने समय के लिए मुख्यमंत्री रहूं. मेरे लिए महत्वपूर्ण यह है कि मैं जितने दिन भी रहूं अपने काम से अपना भविष्य सुरक्षित करूं.’
मुख्यमंत्री कुमारस्वामी के इस बयान से ठीक एक दिन पहले पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सिद्धारमैया ने कहा था कि वे दोबारा मुख्यमंत्री बन सकते हैं. हासन की एक जनसभा में सिद्धारमैया ने कहा, ‘जनता के आशीर्वाद से मैं एक बार फिर से राज्य का मुख्यमंत्री बनूंगा.’
उन्होंने कहा था कि उन्हें दोबारा मुख्यमंत्री बनने से रोकने के लिए विपक्ष ने आपस में हाथ मिला लिया और बड़े पैमाने पर जाति कार्ड और धन बल का सहारा लिया गया.सिद्धारमैया ने कहा, ‘मैंने सोचा था कि लोग मुझे एक बार फिर आशीर्वाद देंगे और मुझे मुख्यमंत्री बनाएंगे. दुर्भाग्यवश, मैं हार गया, लेकिन यह अंत नहीं है. राजनीति में जीत और हार आम हैं.”
इससे पहले कुमारस्वामी तब चर्चा में आए थे, जब उन्होंने अपने ही पार्टी के कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा था कि वह सीएम रहकर जहर का घूंट पी रहे हैं. इसके बाद भी सरकार के भविष्य पर सवाल उठ खड़े हुए थे. हालांकि जब बाद में विवाद बढ़ा था तो कुमारस्वामी ने बयान से किनारा करते हुए कहा था कि उन्हें कोई परेशानी नहीं है. कांग्रेस और जेडीएस के बीच तनातनी की दूसरी खबर तब आई, जब अभी कर्नाटक में होने वाले निकाय चुनाव में दोनों पार्टियों ने अलग-अलग चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया.
मालूम हो कि कर्नाटक इकलौता बड़ा राज्य है जहां कांग्रेस सत्ता में है. इसी साल हुए विधानसभा चुनाव में यहां किसी भी दल को स्पष्ट बहुमत नहीं मिला था. बीजेपी 104 विधायकों के साथ नंबर एक पार्टी बनी थी. हालांकि बीएस येदियुरप्पा विधानसभा में बहुमत साबित नहीं कर पाए थे, जिसके बाद उन्हें इस्तीफा देना पड़ा था. इसके बाद कांग्रेस ने बिना शर्त जेडीएस को समर्थन देने का फैसला किया था, जिसके बाद जेडीएस के एचडी कुमारस्वामी मुख्यमंत्री बने और उन्हीं की अगुवाई में सरकार का गठन हुआ. कांग्रेस के पास 78 और जेडीएस के 37 विधायक हैं.