अमेरिका के द्वारा ईरान पर लगाए गए प्रतिबंधों पर भारत अपनी चिंताएं पहले ही जाहिर कर चुका है. इसी मुद्दे पर बात करने के लिए अब गुरुवार को मोदी सरकार के वरिष्ठ मंत्रियों के बीच बैठक हुई.
वित्त मंत्री अरुण जेटली, विदेश मंत्री सुषमा स्वराज, परिवहन मंत्री नितिन गडकरी के साथ नीति आयोग के CEO अमिताभ कांत इस बैठक में शामिल रहे. सूत्रों की मानें तो इस बैठक में फैसला लिया गया है कि अब भारत ईरान को डॉलर नहीं बल्कि रुपये के हिसाब से पेमेंट करेगा.
दरअसल, ईरान के फेडरल बैंक की एक ब्रांच मुंबई में खुल गई है. इससे पेमेंट करने में आसानी होगी. भारत को उम्मीद है कि पेमेंट के भुगतान का मुद्दा 8 से 10 दिनों में सुलझ जाएगा. जिसके बाद चाबहार पोर्ट से तेल का इम्पोर्ट किया जा सकेगा.
अमेरिका को पहले से था अंदेशा!
बता दें कि हाल ही में अमेरिकी संसद की ओर से एक रिपोर्ट जारी की गई थी. रिपोर्ट के अनुसार, भारत ईरान पर नये सिरे से लगाए गए प्रतिबंधों का प्रतिरोध कर सकता है क्योंकि वह ऐसे मामलों में संयुक्त राष्ट्र की व्यवस्थाओं का ही अनुपालन करता रहा है.
अमेरिकी संसद की शोध एवं परामर्श इकाई कांग्रेसनल रिसर्च सर्विस (सीआरएस) की 11 सितंबर की रिपोर्ट में कहा गया कि पारंपरिक तौर पर भारत सिर्फ संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रतिबंधों का ही पालन करता है. इसके अलावा भारत अपनी ऊर्जा जरूरतों के लिए भी ईरान पर निर्भर करता है.
आपको बता दें कि अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चार नवंबर तक ईरान से तेल का आयात बंद नहीं करने वाले देशों और कंपनियों पर प्रतिबंधात्मक कार्रवाई करने की चेतावनी दी है. हालांकि, अभी भी भारत और अमेरिका के बीच इसको लेकर बात चल रही है.