भगवान गणेश रिद्धि सिद्धि के देव माने जाते हैं और हर विघ्न ही हरने वाले माने जाते हैं जिसके चलते उन्हें प्रथम पूज्य भी माना जाता है। भाद्रपद माह में शुक्ल चतुर्थी के दिन मध्याह्न काल में श्रीगणेश का जन्म हुआ था, इसलिए हर साल ये पाव बड़ी ही धूमधाम से मनाया जाता है और यह पर्व 10 दिनों तक चलता है।
इन बातों का रखें ध्यान:
# गणेश चतुर्थी पर सभी गणेश प्रतिमाएं अपने अनुसार घर में लेकर आते हैं और उन्हें स्थापित करते हैं और दस दिनों बाद उन्हें विदा कर देते हैं।
# गणेश जी की सूंड किस तरह की शुभ मानी जाती है। इसमें लोग अक्सर सोच में पड़ जाते हैं। गणेश जी की सूंड किस दिशा में होनी चाहिए।
# प्रतिमा में कई बार दाईं और बाईं ओर वाले सूंड के गणेश जी दिखाई देते हैं लेकिन माना जाता है कि बाईं ओर सूंड वाले गणपति ज्यादा सिद्ध होते हैं। जिस मूर्ति में सूंड बाईं ओर हो वह शुभ होता है और उसे वाममुखी कहते हैं।
# बाई ओर चंद्र नाड़ी होती है जो शीतलता प्रदान करती है एवं उत्तर दिशा अध्यात्म के लिए पूरक है। इतना ही नहीं कहा जाता है कि बाईं ओर की सूंड वाले गणपति हमेशा ही सकारात्मक ऊर्जा प्रदान करते हैं और हर काम शुभ होते हैं।
# जब भी घर में गणेशजी की प्रतिमा लेकर आये बाईं ओर वाले गणपति ही लेकर आये जो आपके लिए शुभ साबित होंगे।