राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली-एनसीआर में रविवार शाम को भूकंप के हल्के झटके महसूस किए गए। भूकंप के झटके हरियाणा व उत्तर प्रदेश के भी कुछ स्थानों में महसूस किए गए हैं। हालांकि, अभी किसी तरह के नुकसान की कोई खबर नहीं है। हरियाणा के रेवाड़ी, धारूहेड़ा, कुंड में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए है। भूकंप के झटके करीब 10 सेकेंड तक महसूस किए गए। फिलहाल इसकी तीव्रता और इसका केंद्र का अभी पता नहीं चल सका है। शुरुआती खबरों में अभी किसी प्रकार के नुकसान की सूचना नहीं है।
बता दें कि इससे पहले एक जुलाई को भी दिल्ली-एनसीआर सहित पूरे उत्तर भारत में भूकंप के झटके महसूस किए गए थे। भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 4.0 मापी गई थी। भूकंप का केंद्र हरियाणा के सोनीपत में था। भूकंप का आभास आभास होतेे ही लोग घर-ऑफिस से आनन-फानन में बाहर आ गए थे।
बड़े भूकंप का खतरा नहीं झेल पाएगी दिल्ली
दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र की एक बड़ी समस्या आबादी का घनत्व भी है। तकरीबन दो करोड़ से अधिक की आबादी वाली राजधानी में लाखों इमारतें दशकों पुरानी हैं और तमाम मोहल्ले एक दूसरे से सटे हुए बने हैं। ऐसे में बड़ा भूकंप आने की स्थिति में जानमाल की भारी हानि हो सकती है। वैसे भी दिल्ली से थोड़ी दूर स्थित पानीपत इलाके के पास भू-गर्भ में फॉल्ट लाइन मौजूद है जिसके चलते भूकंप की आशंका से इन्कार नहीं किया जा सकता।
विशेषज्ञों का यह भी मानना है कि दिल्ली में भूकंप के साथ-साथ कमज़ोर इमारतों से भी खतरा है। एक अनुमान के मुताबिक, दिल्ली की 70-80% इमारतें भूकंप का औसत से बड़ा झटका झेलने के लिहाज से नहीं बनी हैं।भूकंप का एहसास होते ही घबराएं नहीं। घर से बाहर किसी खाली जगह पर खड़े हो जाना चाहिए। बच्चों व बुजुर्गों को पहले घर से बाहर निकालें, किनारे में खड़े रहें। घर में भारी सामान सिर के ऊपर नहीं होना चाहिए।