एशियाई खेलों में दो रजत पदक जीतने वाली फर्राटा धाविका दुती चंद ने का अगला लक्ष्य ओलंपिक खेलों में देश के लिए पदक जीतना है. एशियाई खेलों की व्यक्तिगत स्पर्धा में दो पदक जीतकर पीटी उषा, ज्योर्तिमय सिकदर जैसी एथलीटों की श्रेणी में शामिल होने वाली दुती ने कहा कि इस जीत के बाद अब वह और कड़ा अभ्यास करेंगी, ताकि ओलंपिक में पदक जीतने का सपना पूरा हो सके.
दुती चंद ने जकार्ता में चल रहे एशियाई खेलों में महिलाओं की 200 मीटर दौड़ और 100 मीटर में रजत पदक अपने नाम किया. वह इन दोनों स्पर्धाओं में बहरीन की एडिडियोंग ओडियोंग से पिछड़ गईं.
ती ने स्वदेश लौटने के बाद उन्होंने कहा कि उनकी लंबाई थोड़ी कम जरूर है, लेकिन रफ्तार ज्यादा है. उन्होंने कहा, ‘सभी के शरीर की बनावट अलग होती है, मेरी लंबाई कम जरूर है, लेकिन रफ्तार ज्यादा है. प्रशिक्षण में मैं इस चीज पर ध्यान दूंगी.’
उन्होंने कहा, ‘इस साल अब कोई बड़ी प्रतियोगिता नहीं है और ओलंपिक के लिए मेरे पास दो साल का समय है. ओलंपिक से पहले अगले साल एशियाई चैंपियनशिप में भी भाग लेना है. इन दो वर्षों में मैं जी जान से अभ्यास करूंगी, ताकि देश का नाम ओलंपिक में भी ऊंचा कर सकूं.’
उन्होंने कहा, ‘मुझे कड़ा प्रशिक्षण करना है और उसके लिए जरूरी चीजें मुझे मुहैया कराई जा रही है, ऐसे में जाहिर है प्रदर्शन अच्छा होगा.’ कलिंगा औद्योगिक प्रौद्योगिकी संस्थान (केआईएसएस) द्वारा आयोजित सम्मान समारोह में पहुंचीं ओडिशा की इस एथलीट ने कहा कि देश में भी प्रतियोगिता काफी बढ़ गई है, जिसका असर सभी एथलीटों के प्रदर्शन पर दिख रहा है.
उन्होंने कहा कि 200 मीटर में हिमा के अयोग्य करार दिए जाने का उन्हें दुख हुआ था. उन्होंने कहा, ‘हिमा को समझना होगा कि 100 और 200 मीटर में कोई जोखिम नहीं ले सकते. मैंने उससे इस बारे में बात की थी. अगर वह अयोग्य नहीं होती तो हम 200 मीटर में दो पदक जीत सकते थे.’
उन्होंने कहा, ‘अब इस घोषणा के बाद मैं खुले दिमाग से अभ्यास कर सकूंगी.’ दुती ने कहा कि 100 मीटर दौड़ में स्वर्ण पदक चूकने का उन्हें मलाल रहेगा. उन्होंने कहा, ‘हीट में मैंने अच्छा प्रदर्शन किया था और पहले स्थान पर रही थी. सेमीफाइनल में भी अच्छा प्रदर्शन किया और फाइनल में एक सेकंड से भी कम समय से पदक चूक गई.यह पदक मैं अपनी लंबाई के कारण चूक गई.’