आम आदमी पार्टी (AAP) के सांगठनिक ढांचे में अंदरूनी दरार कुछ-कुछ साफ होने लगी है। इस कड़ी में पार्टी के प्रमुख नेताओं के इस्तीफे का सिलसिला भी रुकता नहीं दिखाई दे रहा है। आशुतोष के बाद आशीष खेतान इसकी ताजा कड़ी हैं, जिन्होंने पार्टी को अलविदा कह दिया है। आलम यह है कि दिल्ली से लेकर पंजाब तक में AAP में बवाल मचा हुआ है। राजनीति के जानकार मानते हैं कि 2019 में होने वाले हरियाणा विधानसभा चुनाव में जैसे ही टिकटों का बंटवारा होगा, पार्टी में फूट साफ दिखाई देने लगेगी।
आंतरिक कलह की वजह से जहां संगठन के बड़े नेता एक-एक कर पार्टी से किनारा कर रहे हैं, वहीं AAP के विधायकों में भी ऊहापोह और आशंका गहराने की सूचनाएं हैं। बताया जाता है कि पार्टी नेतृत्व दिल्ली के मौजूदा विधायकों में से आधे के टिकट काटने की तैयारी में है।
AAP के सूत्रों के अनुसार पार्टी ने अपने विधायकों के साढ़े तीन साल के कामकाज का आकलन किया है। इसमें मौजूदा 66 विधायकों में से आधे का कामकाज असंतोषजनक पाया गया है। इनमें कुछ मौजूदा व पूर्व मंत्री भी हैं। पार्टी आलाकमान आगामी विधानसभा चुनाव में इनके टिकट काटने के मूड में है।