कुष्ठ रोगियों से भेदभाव खत्म करने के लिए संसद में विधेयक लाएगी सरकार

कुष्ठ रोगियों से भेदभाव की शिकायतों के मामलों में केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि इस संबंध में कैबिनेट ने बिल का मसौदा मंजूर कर लिया है. नए कानून के लिए तैयार प्रावधान को शीत सत्र के दौरान संसद के सामने रखा जाएगा.

पिछली सुनवाई में केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को जानकारी दी थी कि ऐसे कानून जो कुष्ठ रोगियों से भेदभाव करते हैं उन्हें दूर करने को इस बाबत एक बिल लाने जा रही है. पिछली सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार की एडिशनल सॉलिसिटर जनरल पिंकी आनंद ने कोर्ट को बताया था कि कैबिनेट इस मामले पर फैसला करेगी.

सुप्रीम कोर्ट में चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा ने कहा कि टीबी की तरह कुष्ठ रोग को भी जड़ से खत्म किया जा सकता है. इसमें कोई विवाद नहीं है और किसी भी पीड़ित को पीड़ा का ना झेलनी पड़े. सुप्रीम कोर्ट ने इस संबंध में बड़े और कड़े दिशा निर्देश जारी किए थे.

मध्यप्रदेश, उत्तरप्रदेश, सिक्किम, महाराष्ट्र और मणिपुर ने जवाब दाखिल करते हुए अपने यहां की स्थिति साफ की थी. सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने सभी राज्य सरकारों को अपने कानून की जांच करने और सुधारात्मक उपाय करने का निर्देश दिया था ताकि कुष्ठ रोग से प्रभावित व्यक्तियों के खिलाफ ऐसा कोई भेदभाव न हो.

चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा की अगुआई में तीन जजों की बेंच ने 119 प्रावधानों को चुनौती देने वाली हुए विधि सेंटर की याचिका पर सुनवाई के दौरान यह निर्देश जारी किया कि जो कुष्ठ रोग से पीड़ित लोगों के साथ भेदभाव करते हैं उन्हें दण्डित करने के प्रावधान हों.

पिछले महीने चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा की अगुआई वाली सुप्रीम कोर्ट के तीन जजों की बेंच ने केंद्र को नोटिस जारी किया था और विधि सेंटर ऑफ पॉलिसी द्वारा दायर जनहित याचिका पर कहा था कि वे केंद्र सरकार और 119 कानूनों को रद्द करने के निर्देश चाहते हैं क्योंकि वे कुष्ठ रोग से पीड़ित लोगों के साथ भेदभावपूर्ण हैं.

सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि मुख्य रूप से 14 केंद्रीय कानून हैं जो कुष्ठ रोग से पीड़ित लोगों के खिलाफ भेदभाव को दर्शाते हैं.

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com