नई दिल्ली। विपक्ष की आपत्तियों के बीच लोकसभा ने बुधवार को कारखाना (संशोधन) बिल 2016 पास कर दिया। इस विधेयक में कारखानों में ओवरटाइम की लिमिट बढ़ाने का एक प्रावधान है।
सरकार की उम्मीद ‘मेक इन इंडिया’ कैंपेन में मदद
सरकार उम्मीद कर रही है कि इससे उसे अपने ‘मेक इन इंडिया‘ कैंपेन में मदद मिलेगी। हालांकि विपक्ष ने इस प्रावधान पर ऐतराज जताते हुए कहा कि इससे श्रमिकों का शोषण बढ़ सकता है और उनकी सेहत पर इसका बुरा असर पड़ेगा।
इस बिल का विरोध करते हुए विपक्ष ने लोकसभा से गुरुवार को वॉकआउट किया। विपक्ष ने कहा कि यह संशोधन विधेयक कंपनियों को सपोर्ट करने वाला है। यह विधेयक अब राज्यसभा में जाएगा, जहां उसे विपक्ष की चुनौती का सामना करना पड़ेगा। यह संशोधन बीजेपी की अगुवाई वाली केंद्र सरकार की ओर से फैक्ट्रीज ऐक्ट के लिए तैयार किए गए बदलावों का एक हिस्सा है।
संशोधन के अनुसार, सेक्शन 64 के तहत ओवरटाइम का समय एक तिमाही में 50 से बढ़ाकर 100 घंटे कर दिया गया है और विशेष परिस्थितियों के मामले में स्पेशल नोटिफिकेशन के जरिए इसे 75 से 150 घंटे करने का प्रावधान है।
ट्रेड यूनियनों के कड़े विरोध के कारण श्रम मंत्रालय फैक्ट्रीज ऐक्ट में व्यापक संशोधन को सदन में पेश नहीं कर सका। श्रम मंत्री बंडारू दत्तात्रेय ने लोकसभा में कहा, ‘हमने एक व्यापक संशोधन विधेयक तैयार कर लिया है।
बदलावों के साथ हम दोबारा संसद में आएंगे।’जब दत्तात्रेय विधेयक पेश कर रहे थे, तब सीपीआईएम के शंकर प्रसाद दत्ता ने इस पर ऐतराज जताते हुए कहा कि 2014 में इसी प्रकार का एक विधेयक पेश किया गया था और वह लंबित है।
उन्होंने कहा कि एक ही तरह के दो विधेयक पेश नहीं किए जा सकते। उन्होंने आरोप लगाया कि ऐसा लगता है कि मोदी सरकार का कुछ छिपा हुआ अजेंडा है और इसी उद्देश्य से श्रम कानूनों को कॉर्पोरेट घरानों के अनुकूल बनाया जा रहा है।
बीजेपी के रमेश बिधूड़ी ने श्रमिकों की खराब हालत के लिए कांग्रेस को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि विपक्षी पार्टी की सरकारों ने इस दिशा में कुछ नहीं किया। उन्होंने विधेयक में ओवरटाइम अधिक तय करने के प्रावधान को श्रमिकों के लिए फायदे की बात बताते हुए कहा कि मजदूर अपनी इच्छा से ओवरटाइम करते हैं।
तृणमूल कांग्रेस के कल्याण बनर्जी ने कहा कि ओवरटाइम में सिर्फ श्रमिकों को होने वाले आर्थिक लाभ को नहीं, बल्कि उनकी सेहत का भी ध्यान रखना चाहिए। बनर्जी ने आरोप लगाया कि सरकार ओवरटाइम बढ़ाने का प्रावधान उद्योगपतियों के कहने पर ले आई है।
आम आदमी पार्टी के धरमवीर गांधी ने कहा कि ओवरटाइम की अवधि को 50 घंटे से बढ़ाकर 100 घंटे करने से मजदूरों के सामने स्वास्थ्य समस्या उत्पन्न होगी और पारिवारिक जीवन प्रभावित होगा।