प्रतिभाएं मां के गर्भ में पलती हैं। माता-पिता के विशिष्ठ गुण अक्सर बच्चों में भी दिखते हैं, लेकिन कई बार बच्चे और भी आगे निकल जाते हैं। कोरिया जिले के छोटे से सुविधा विहीन कस्बे चर्चा में कोयले की खदानें हैं। यहां रहने वाली अंजली सिंह ने साल 2011 में रोलर स्केटिंग में राष्ट्रीय रिकॉर्ड कायम कर क्षेत्र को गौरवान्वित किया था। बात सात साल पुरानी हो गई। अब अंजली के नक्शेकदम पर उनकी आठ साल की बेटी श्रेया चल रही हैं। दो महीने पहले श्रेया ने लगातार 72 घंटे तक रोलर स्केटिंग की। इसे एक रिकॉर्ड के रूप में दर्ज कराने के लिए उनकी तरफ से दावा पेश किया और ‘लिम्का बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड’ में श्रेया का नाम दर्ज हो गया। श्रेया की इस उपलब्धि ने एक बार फिर चर्चा के लोगों का नाम राष्ट्रीय चर्चा में ला दिया है।
श्रेया की मां अंजली भी सात 2011 में रोलर स्केटिंग में राष्ट्रीय रिकॉर्ड होल्डर रहीं हैं। इसके साथ-साथ जुलाई 2010 में सबसे लंबी आउटडोर ऑनलाइन हॉकी गेम के प्लेयर के रूप में अपना नाम दर्ज करा चुकी हैं। वो ही श्रेया की गुरु भी हैं। उन्हीं ने श्रेया को नियमित कोचिंग दी और इस सुविधाविहीन क्षेत्र में बच्ची को खेल के इस हुनर में आगे बढ़ाया। अंजली को पूरी उम्मीद है कि उनकी बेटी आगे चलकर इस क्षेत्र में और भी बड़े कीर्तिमान स्थापित करेगी।