संयोगिता कंठ:
यह ठीक है कि इंसान रो लेता है तो उसके मन का बोझ हल्का हो जाता है. लेकिन हर बार रोने के लिए कोई Shoulder क्यों चाहिए? खासकर टीनएज या यंग लड़कियों को जो प्यार की तलाश में उस इंसान पर भरोसा करने लग जाती है या उसके Shoulder पर सहारा ढूंढने लगती हैं जो उसके साथ Sympathy के दो शब्द बोल लेता है.
क्यों लड़कियों को ऐसे Shoulder की तलाश रहती है जिस पर सिर रखकर वो अपने मन को राहत पहुंचाने की तलाश में रहती हैं. वो भी ये जाने बिना कि जिस Shoulder पर वो अपना सहारा ढूंढ रही है वो कहीं मतलबपरस्त, स्वार्थी या ब्लैकमेलर तो नहीं?
Senior Counsellor Dr. Neelam Saxsena बता रही हैं कि पिछले कुछ समय से उनके पास ऐसे कई केस आए हैं जिसमें यंग लड़कियां आसानी से किसी के बहकावे में आकर अपनी जिंदगी खराब कर रही हैं.
घर में मां-बाप या भाई-बहन के साथ जरा सी कोई प्रॉब्लम होती है वे बाहर जाकर Emotional Support ढूंढने लगती है. जिससे जाने या अंजाने वे ऐसे लोगों की शिकार हो जाती है जो उसकी भोलेपन और छोटी उम्र का फायदा उठाकर उन्हें बरगलाने लगते हैं.
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किसी ने प्यार से दो शब्द क्या बोल लिया वे उसी को अपना सबसे बड़ा हमर्दद मानने लग जाती हैं और अपने करियर और अपने परिवार सब पर दांव लगा रही हैं. जबकि वो ठीक से उसके बारे में जानती भी नहीं है.
सहानुभूति मिलने पर आसानी से शारीरिक संबंध बनने का खतरा रहता है. लड़कियां जो भावनात्मक रुप से कमजोर होती हैं वे आसानी से ऐसे आदमी के Shoulder पर सहारे की तलाश करने लगती है.
टीएनएज या यंग लड़कियां भावुकता में वे आसानी से लड़कों की बातों में आ जाती है. इसका फायदा लोग तरह-तरह से उठाते हैं, पैसा ऐंठने से लेकर शारीरिक शोषण तक.
कई लड़िकयों ने उन्हें बताया है कि घर में पेरेंटस उसकी जो बात नहीं समझते उसे उसका दोस्त अच्छी तरह समझता है और वे घर में होने वाली अपनी हर बात अपने ब्यॉयफ्रेंड या अपने दोस्त से शेयर करती है.
ऐसे हालात में परिवार वालों को भी अपनी आदतों में बदलाव करना होगा. अपनी घर की बच्ची को आप पर भरोसा होगा या किसी बात का डर नहीं होगा तो वे बाहर कुछ शेयर करने से पहले आपको बताएंगी. वो कैसे लोगों से मिल रही है, कैसे लोगों के संपर्क में है इसकी भी जानकारी रखें.