सरकारी टकसाल में स्याही की अनुपलब्धता के कारण 200 और 500 रुपये मूल्य के नोटों की छपाई को रोकना पड़ा है। यह दावा यूनियन नेता व टकसाल के एक कर्मचारी ने किया। प्रेस वर्कर फेडरेशन के अध्यक्ष जगदीश गोडसे ने कहा, ‘नोटों की छपाई करने वाली स्याही आयात होती है। यह स्याही अभी उपलब्ध नहीं है। इस कारण 200 और 500 के बैंक नोटों की छपाई रोकनी पड़ी है।’
गोडसे ने कहा कि देश में नोटों की कमी का यह भी एक कारण हो सकता है। उल्लेखनीय है नासिक रोड स्थित यह प्रेस 2000 रुपये के नोट को छोड़कर सभी नोट छापने में अग्रणी टकसाल में शुमार है। कर्मचारी ने हालांकि यह नहीं बताया कि नोटों की छपाई कब से बंद है।