हिंदी सिनेमा की बेहतरीन अदाकारा और हाल के वर्षों में करण-अर्जुन की माँ के नाम से मशहूर राखी गुलज़ार अब बड़े परदे पर वापसी कर रही हैं। उन्होंने साल 2003 में आख़िरी बार फिल्म में काम किया था ।
जाने माने गीतकार और लेखक गुलज़ार की पत्नी और सत्तर के दशक में कभी-कभी , शर्मीली, जीवन मृत्यु, दाग सहित कई फिल्मों में बेहतरीन अभिनय करने वाली राखी अब बांग्ला से हिंदी में बन रही फिल्म से वापसी करेंगी, जिसे गौतम हलदर निर्देशित कर रहे हैं । राखी को हाल के वर्षों में कई तरह के ऑफर आये लेकिन उन्होंने फिल्मों से दूरी ही बना कर रखी थी। हालांकि बताते हैं कि जैसे ही राखी को ये पता चला कि ये फिल्म मोती नंदी के क्लासिक उपन्यास बिजोलीबालार मुक्ति का स्क्रीन एडाप्टेशन है, उनकी आंखें चमक गई और उन्होंने तुरंत इस फिल्म को हां कह दिया। फिल्म ओरिजनली बांग्ला में बनाई जा रही है लेकिन अब जब मेकर ने तय किया है कि इस फिल्म को हिंदी में भी बनाया जाय तो राखी इस फिल्म में काम करने के लिए तैयार हो गई हैं। ख़बर है कि फिल्म का नाम बांग्ला में मुक्ति और हिंदी में निर्वाण रखा गया है। फिल्म 70 साल की एक ब्राह्मण विधवा की कहानी है जो अपने अधिकारों के लिए लड़ती है और इस दौरान उसे तरह तरह के साम्प्रदायिक और जातिगत बाधाओं से गुज़ारना पड़ता है।
बताया जाता है कि राखी ने बांग्ला का हिस्सा शूट कर लिया है और अब हिंदी की डबिंग वो ख़ुद करेंगी । राखी ने साल 2003 में जो आख़िरी फिल्म की थी वो भी बांग्ला ही थी और इसका नाम शुभो मुहूर्त था और उसे रितुपर्णो घोष ने निर्देशित किया था। उसी साल राखी नरेश मल्होत्रा की फिल्म ‘ दिल का रिश्ता’ में भी दिखी थीं जिसमें वो ऐश्वर्या राय बच्चन की माँ के रोल में थीं ।