वॉशिंगटन
अमेरिका और चीन के बीच ट्रेड वॉर की स्थिति दिनोंदिन बिगड़ती जा रही है। अपने व्यापार को बचाने के लिए जहां अमेरिका चीन पर एक के बाद एक टैरिफ लगाए जा रहा है, वहीं चीन भी अमेरिका के हर प्रहार का जवाब दे रहा है।
एक-दूसरे पर यूं टैरिफ लगाने की इस स्थिति में भले ही दोनों देश खुद को अव्वल समझ रहे हों, लेकिन इससे अन्य देशों और उनकी इकॉनमी पर काफी प्रभाव पड़ेगा। वहीं चीन ने शुक्रवार को साफ कर दिया था कि अगर ट्रे़ वॉर हुआ और अमेरिका नहीं माना तो वह भी चुप नहीं बैठेगा और मुंहतोड़ जवाब देगा।
अमेरिका के खिलाफ एकजुट रूस और चीन
अमेरिका और चीन जहां ट्रेड वॉर पर एक-दूसरे को नीचा दिखाने पर आमादा हैं, वहीं इस युद्ध में चीन और रूस एक साथ हैं। अगर कुछ साल पीछे जाएं, तो रूस और चीन के संबंध कुछ ज्यादा अच्छे नहीं रहे हैं, लेकिन अमेरिका जैसी ताकत को चुनौती देने के लिए रूस और चीन एकजुट हो गए हैं। कई मुद्दों पर रूस और चीन अमेरिका के खिलाफ खड़े हैं, जिनमें ट्रेड वॉर से लेकर आर्थिक प्रतिबंध, सीरिया और उत्तर कोरिया जैसे मुद्दे शामिल हैं। हालांकि अब पिछले कुछ सालों में चीन और रूस के बीच घनिष्ठता बढ़ी है। दोनों देश आपसी संबंधों और व्यापारिक रिश्तों को सुधारने की पूरी कोशिशों में हैं और ट्रेड वॉर में भी वे अमेरिका के खिलाफ एकजुट खड़े हैं।
अमेरिका रूस और चीन की घनिष्ठता से चिंतित नहीं है, लेकिन उस पर अपने व्यापार को बचाने का जुनून इस कदर सवार है कि वह इससे इकॉनमी पर पड़ने वाले असर और आर्थिक विकास पर ध्यान नहीं दे पा रहा है। विशेषज्ञों का भी मानना है कि इस ट्रेड वॉर से दुनिया की इकॉनमी पर बुरा असर पड़ेगा।
चीन पर टैरिफ क्यों लगा रहा है अमेरिका?
अमेरिका ने अब तक कई बार चीन पर टैरिफ लगाया है। अमेरिका का तर्क है कि चीन गैर-कानूनी तरीके से व्यापार करता है और उसकी इन गतिविधियों ने अमेरिका की हजारों फैक्ट्रियों और लोगों की नौकरियां छीन ली हैं। ऐसे में अपने व्यापार को बचाने के लिए उसे यह सही कदम लगता है।
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तुम भी कम नहीं, हम भी कम नहीं
गुरुवार को ट्रंप प्रशासन ने चीन को धमकी देते हुए कहा कि अगर चीन ने व्यापार करने के अपने तरीकों में बदलाव नहीं किया तो वह उस पर 100 अरब डॉलर (6500 करोड़) का टैरिफ लगा देगा। वहीं इससे पहले बुधवार को चीन ने जवाबी कार्रवाई करते हुए 50 अरब डॉलर मूल्य के 106 अमेरिकी उत्पादों के आयात पर 25 प्रतिशत शुल्क लगाने का फैसला किया। मार्च 2018 में ट्रंप ने चीन से आयात पर 60 अरब डॉलर यानी 3910 अरब रुपए का टैरिफ लगाने की घोषणा की थी। इससे बौखलाए चीन ने भी उन अमेरिकी उत्पादों की लिस्ट जारी की, जिनपर वह भारी-भरकम आयात शुल्क लगाने की तैयारी कर रहा है। इस लिस्ट में पोर्क, सेब और स्टील पाइप शामिल हैं।