अमेरिका के सैन बर्नाडिनो शूटिंग के बाद अमेरिकी एजेंसी एफबीआई और ऐपल में एक तरह का विवाद शुरू हो गया है. एफबीआई ऐपल से शूटर के iPhone को अनलॉक करने को कहती रही, लेकिन ऐपल ने अपनी पॉलिसी का हवाला देते हुए iPhone में बैकडोर एंट्री (अनलॉक) करने से मना कर दिया. आखिरकार एफबीआई ने एक थर्ड पार्टी एजेंसी का सहारा लेते हुए काफी करोड़ो रुपये लगाकर iPhone अनलॉक कराया. रिपोर्ट के मुताबिक इजराइल की एक एजेंसी सेलेब्राइट ने ऐसा किया.
मैलवेयरबाइट्स लैप की रिपोर्ट के मुताबिक GrayKey नाम का एक डिवाइस है जो iPhone को डीक्रिप्ट कर सकते है और इसे आसानी से हैक किया जा सकता है. देखने में ये छोटा बॉक्स की तरह लगता है जिससे एक बार में दो फोन कनेक्ट किए जा सकते हैं कुछ मिनट में iPhone में सॉफ्टवेयर इंस्टॉल हो जाता है और वो स्मार्टफोन के पासवर्ड लेयर पर अटैक करता है.
कैसे काम करता है GrayKey?
मैलवेयरबाइट्स ने गुप्त सूत्रों से दस्तावेज हासिल किए हैं जहां बताया गया है कि इसे यूज करते हुए कैसे iPhone को टार्गेट किया जाता है.
यह डिवाइस एक टाइम दो iPhone कनेक्ट कर सकता है वो भी सिर्फ दो मिनट में ही. इस दौरान iPhone में कोड इंस्टॉल किया जाता है जो संभवतः फोन को रूट कर देता है.
2 मिनट के बाद फोन को केबल से हटाया जा सकता है इसके बाद ब्लैक स्क्रीन दिखेगी और यहां पसावर्ड दिखेगा. इसके अलावा कितने टाइम में पासवर्ड जेनेरेट किया गया वो भी दिखेगा. जितना लंबा पासकोड होगा टाइम उतना ज्यादा लगेगा. छह डिजिट के पासवर्ड को अनलॉक करने के लिए 3 दिन या इससे ज्यादा का समय लग सकता है.
एक बार फोन अनलॉक हो गया तो फाइल सिस्टम का फुल कॉन्टेंट डाउनलोड किया जा सकता है. ये कॉन्टेंट GrayKey में ही डाउनलोड होगा. दिलचस्प ये है कि इस दस्तावेज में ये नहीं बताया गया है कि दूसरी बार कॉन्टेंट डालने के लिए फिर से इस डिवाइस से iPhone कनेक्ट करना होगा या नहीं. मुमकिन है फाइल्स को ओवर द एयर (OTA) के जरिए डाउनलोड किया जा सकता है.
कीमत
रिपोर्ट के मुताबिक GrayKey डिवाइस दो वेरिएंट में उपलब्ध है. पहला 15,000 डॉलर (लगभग 9.70 लाख रुपये) का है जबकि दूसरा वेरिएंट 30,000 डॉलर का (लगभग 19.53 लाख रुपये) है. पहले वेरिएंट के लिए आपको इंटरनेट अलग से चाहिए जबकि दूसरे वेरिएंट में इंटरनेट ऑप्शन भी मिलेगा.
फिलहाल ऐपल ने इस डेवेलपमेंट पर कोई बयान जारी नहीं किया है.