भारत में बने हिंदू मंदिरों का डंका दुनिया में दूर-दूर तक बजता है। लेकिन क्या आप उन हिंदू मंदिरों के बारे में जानते हैं जो हमारे पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान में है..?
आपकी जानकारी के लिए बता दें हिंदू आस्थाओं के प्रतीक हिंदू मंदिर पाकिस्तान में भी है। पाकिस्तान एक मुस्लिम देश है। यह बात सभी जानते हैं। लेकिन वहां बने मंदिरों के पीछे छुपी चौंका देने वाली यह बात शायद ही जानते हो। जी हां, इस बारे में जानकर आपको भी झटका लगने वाला है।
दरअसल, पाकिस्तान में सात मंदिर ऐसे हैं जहां न केवल हिंदू पूजा-पाठ के लिए आते हैं बल्कि मुस्लिम भी यहां आते हैं। तो चलिए जानते हैं इन सात हिंदू मंदिरों से जुड़ी रोचक बाते…
1. हिंगराज मंदिर (ब्लूचिस्तान)
इस मंदिर से जुड़ी हिंदू पौराणिक कथा है कि विष्णु भगवान ने सती माता का शीष काटने के लिए चक्र फेंका था। उस चक्र से शीष कटकर जहां गिरा था वह यहीं स्थान है। पाकिस्तान के ब्लूचिस्तान से 120 किलोमीटर दूर हिंगुल नदी के तट पर यह मंदिर बना है। यह 51 शक्तिपीठों में से एक है। सदियों पुराने इस मंदिर में लोगों की गहरी आस्था है।
2. पंचमुखी हनुमान मंदिर (कराची)
मान्यता है कि यह मंदिर 1500 साल पुराना है। त्रेतायुग से 17 लाख साल पुरानी हनुमान जी की एकमात्र मूर्ती यहीं पर विराजमान है। मंदिर का पुनर्निमाण साल 1082 में कराया गया। इस मंदिर में हमेशा बहुत ज्यादा भीड़ रहती है।
3. कटास राज मंदिर (चकवाल-पाकिस्तान)
भगवान शिव की पत्नी जब सती हुई तो महादेव की आंख से गिरे दो आंसू जिनमें से एक भारत के पुष्कर जी में और दूसरा आंसू पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के चकवाल जिले में गिरा। बताते हैं कि पाकिस्तान में करीब 900 साल पहले कटासराज मंदिर बनवाया गया था। यहां पर भारतीय राजनेता लाल कृष्ण आडवाणी का परिवार भी समय-समय पर आता रहा है।
4. स्वामी नारायण मंदिर (कराची)
कराची शहर के बंदर रोड पर यह मंदिर बना है। यह तकरीबन 32,306 हजार स्कवेयर यार्ड में बनाया गया है। करीब 160 साल पुराने इस मंदिर में हिंदू-मुस्लिम लोगों की आवाजाही रहती है। यही नहीं देश के बंटवारे के वक्त इस मंदिर का इस्तेमाल रिफ्यूजी कैंप की तरह हुआ था। इसी परिसर में एक गुरुनानक गुरुद्वारा भी है। इस मंदिर से हिंगराज मंदिर के लिए यात्रा शुरू होती है।
5. सूर्य मंदिर (मुल्तान)
ऐसी मान्यता है कि रामायण वाले रामवंत ने अपनी बेटी जामवंती की शादी कृष्ण से करवाई थी। जामवंती और कृष्ण के बेटे का नाम था ‘साम’ था। उन्ही ने यह मंदिर बनवाया था। वजह थी शिव से पिता को मिले श्राप से मुक्ति। 1500 साल पहले मुल्तान के इस मंदिर में टहलने आए चीनी बोद्ध भिक्षु ने इस मंदिर के बारे में लिखा है। उन्होंने लिखा है कि मोहम्मद बिन कासिम और मोहम्मद गजनी ने इस मंदिर को कई बार लूटा था।
6. श्री वरुण देव मंदिर (कराची)
पाकिस्तान सिंध में कराची के मनोड़ा आइलैंड में बना यह मंदिर 100 साल से भी ज्यादा पुराना है। इस मंदिर का इस्तेमाल अब हिंदू काउंसिल ऑफ पाकिस्तान के कामों के लिए किया जाता है। कहते हैं 16वीं सदी से मंदिर अस्तित्व में था लेकिन मौजूदा ढांचा 1917-18 का बना हुआ है।
7. राम मंदिर (इस्लाम कोट)
राम मंदिर को लेकर भारत में गहरी आस्था है। यहां बहुत सारे राम मंदिर हैं लेकिन पाकिस्तान में भी कुछ राम मंदिर है। इनमें विशेष इस्लाम कोटा का राम मंदिर है।