मुंबई में शुरू तीन दिवसीय मैग्नेटिक महाराष्ट्र ग्लोबल इन्वेस्टर समिट में वर्जिन ग्रुप के चेयरमैन रिचर्ड ब्रैनसन ने दावा किया है कि इस तकनीक से 1000 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से सफर किया जा सकता है। करीब साढ़े तीन घंटे में तय होने वाला मुंबई-पुणे का सफर हाइपरलूप से महज 25 मिनट में पूरा हो जाएगा। यह हाइपरलूप रूट नवी मुंबई इंटरनेशनल एयरपोर्ट से भी जुड़ेगा। रिचर्ड कहा कि वर्जिन हाइपरलूप तैयार करने के लिए हमने महाराष्ट्र सरकार के साथ एक एग्रीमेंट साइन किया है और इसकी शुरुआत एक ऑपरेशनल डेमंस्ट्रेशन ट्रैक के साथ हुई है। बताया जा रहा है कि इसमें हर साल 15 करोड़ यात्री सफर कर पाएंगे। नवंबर 2017 में महाराष्ट्र सरकार ने इस रूट के सर्वे के लिए इस कंपनी से करार किया था। इससे हजारों लोगों को रोजगार मिलेगा। मौजूदा समय में संयुक्त अरब अमीरात, अमेरिका, कनाडा, फिनलैंड और नीदरलैंड में भी हाइपरलूप पर तेजी से काम हो रहा है।
क्या है हाइपरलूप
हाइपरलूप एक ट्यूब ट्रांसपॉर्ट टेक्नॉलॉजी है। इसमें खंभों के ऊपर (एलिवेटेड) ट्यूब बिछाई जाती है। इसके भीतर बुलेट जैसी शक्ल की लंबी सिंगल बोगी हवा में तैरते हुए चलती है। इसके भीतर बुलेट जैसा लंबा कैप्सूल चुंबकीय शक्ति से दौड़ाया जाता है। बिजली के अलावा इसमें सौर और पवन ऊर्जा का भी इस्तेमाल हो सकता है। इसमें बिजली का खर्च बहुत कम है और प्रदूषण न के बराबर है।