RBI की रिपोर्ट में बड़ा खुलासा, GST के चलते निर्यातकों को झेलना पड़ा भारी नुकसान

RBI की रिपोर्ट में बड़ा खुलासा, GST के चलते निर्यातकों को झेलना पड़ा भारी नुकसान

पिछले साल जुलाई में नई टैक्स नीति जीएसटी के लागू होने की वजह से निर्यातकों के सामने कई दिक्कतें पेश आईं. जीएसटी की वजह से उन्हें कारोबार के लिए पूंजी जमा करने में सबसे ज्यादा दिक्कतों का सामना करना पड़ा. यह खुलासा हुआ है भारतीय रिजर्व बैंक की उस रिपोर्ट में, जिसमें जीएसटी के असर को लेकर बात की गई है.RBI की रिपोर्ट में बड़ा खुलासा, GST के चलते निर्यातकों को झेलना पड़ा भारी नुकसान

भारतीय रिजर्व  बैंक की तरफ से जारी रिपोर्ट के मुताबिक जीएसटी की वजह से निर्यातकों को सबसे ज्यादा मुश्किलें झेलनी पड़ीं. इसकी वजह से कारोबारियों का वर्क‍िंग कैपिटल 68 फीसदी तक बढ़ गया. दूसरी तरफ, नई टैक्स नीति के चलते उनका निर्यात भी 60 फीसदी तक घट गया.

आरबीआई ने अपनी रिपोर्ट में इस नुकसान के लिए रिटर्न फाइलिंग में हुई देरी को जिम्मेदार बताया है. उन्होंने बताया कि रिटर्न फाइलिंग में देर होने की वजह से निर्यातकों का फंड ब्लॉक हो गया. इसके चलते उनके सामने कारोबार चलाने के लिए पूंजी की काफी कमी हो गई. इसका सीधा असर निर्यात पर पड़ा.

केंद्रीय बैंक ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि इस दौरान कैपिटल की डिमांड में अगर 10 फीसदी की बढ़ोतरी हुई, तो निर्यात में 1.8 फीसदी की औसतन गिरावट देखने को मिली. 

आरबीआई के मुताबिक उन सेक्टर को सबसे ज्यादा नुकसान जीएसटी की वजह से उठाना पड़ा है, जिनका वर्क‍िंग कैपिटल बिक्री के अनुपात में काफी ज्यादा था. मार्च से अक्टूबर के दौरान जीएसटी का सबसे ज्यादा असर निर्यात पर पड़ा है.

उदाहरण के लिए बताया गया है कि अक्टूबर के दौरान पेट्रोलियम और जेम्स एंड ज्वैलरी की मांग काफी ज्यादा थी और इसलिए उन्हें वर्क‍िंग कैपिटल भी ज्यादा चाहिए था. हालांकि दोनों के बीच समान अनुपात न होने की वजह से इन सेक्टर को नुकसान उठाना पड़ा.

जीएसटी लागू होने के बाद छोटे कारोबारियों को रिटर्न फाइल करने में  काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा. इसकी वजह से रिटर्न फाइलिंग के लिए बनाए गए सिस्टम में कई खामियां थीं. जिनकी वजह से कारोबारियों को रिटर्न फाइल करने के दौरान काफी मुश्क‍िलों का सामना करना पड़ा था.

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