इनकम टैक्स से जुड़े मामलों में जांच के लिए अब आयकर अधिकारी बार-बार आपके घर का दरवाजा नहीं खटखटाएंगे. अब यह पूरी प्रक्रिया फेसलेस अथवा ‘ई-प्रोसिडिंग’ के जरिये पूरी की जाएगी. हालांकि यह नई व्यवस्था उन मामलों में उपयोग में नहीं लाई जाएगी, जहां जांच के दौरान सर्च अभियान की जरूरत हो.
सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्सेज (CBDT) ने इस संबंध में सोमवार को अपने फील्ड ऑफिसरों को दिशा-निर्देश जारी किए हैं. इसमें सीबीडीटी ने कहा है कि सर्च संबंधी मामलों को छोड़कर आयकर से जुड़े सभी लंबित मामलों की जांच अब ‘ई-प्रोसिडिंग’ के जरिये ही होगी. यह काम ITBA/e-filing के जरिये किया जा सकेगा.
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने अपने बजट भाषण में ही इस नई व्यवस्था की घोषणा कर दी थी. इसमें उन्होंने कहा था कि आयकर से जुड़े असेसमेंट इलेक्ट्रोनिक मोड में किए जाएंगे. इससे पर्सन टू पर्सन संपर्क की जरूरत खत्म हो जाएगी. इससे आयकर व्यवस्था में पारदर्शिता बनाए रखने में मदद मिलेगी.
लेटर में यह भी कहा गया है कि अगर असेसी ‘ई-प्रोसिडिंग ‘ को लेकर कोई सवाल उठाते हैं और इसे करने से इनकार करते हैं, तो ऐसे मामलों को फिलहाल के लिए लंबित रख दिया जाएगा. हालांकि सीबीडीटी ने उन ऑफिस को 31 मार्च, 2018 तक राहती दी है, जिनके पास फिलहाल सीमित बैंडविड्थ है.
इस नई व्यवस्था से उन लोगों को सबसे ज्यादा राहत मिलेगी, जिन पर आयकर में छोटी-मोटी गड़बड़ियों को लेकर मामले चल रहे हैं. इसके साथ ही यह आयकर विभाग के अधिकारियों के लिए भी सुविधाजनक होगा.