आम जनता की लंबी मांग को दरकिनार करते हुए पेट्रोल-डीजल को फिलहाल जीएसटी के दायरे में शामिल नहीं किया जाएगा। इन दोनों को जीएसटी में लाने के लिए अभी वक्त लगेगा, क्योंकि कई राज्य इसके लिए सहमत नहीं हैं। इससे आम जनता को अभी पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों से राहत नहीं मिलेगी। पहले शामिल होगा रियल एस्टेट, नेचुरल गैस
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि राज्य इस वक्त पेट्रोल तथा डीजल को वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के दायरे में लाने के पक्ष में नहीं हैं। हालांकि उन्होंने पेट्रोलियम उत्पादों पर तत्काल कोई नया अप्रत्यक्ष कर लगाने से इनकार किया। इसलिए पहले रियल एस्टेट और नेचुरल गैस को इसमें शामिल किया जाएगा।
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि राज्य इस वक्त पेट्रोल तथा डीजल को वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के दायरे में लाने के पक्ष में नहीं हैं। हालांकि उन्होंने पेट्रोलियम उत्पादों पर तत्काल कोई नया अप्रत्यक्ष कर लगाने से इनकार किया। इसलिए पहले रियल एस्टेट और नेचुरल गैस को इसमें शामिल किया जाएगा।
इसके अलावा जेटली ने कहा कि, कॉरपोरेट कर की दर को वादे के मुताबिक 25 फीसदी पर तभी लाया जा सकता है, जब उद्योग को दी गई सभी रियायतें खत्म हो जाएंगी। बीते साल एक जुलाई को लागू किए गए जीएसटी के दायरे से रियल एस्टेट, कच्चा तेल, जेट ईंधन या एटीएफ, प्राकृतिक गैस, डीजल तथा पेट्रोल को बाहर रखा गया था।