दुनिया की तमाम कंपनियों के सीईओ भारत को पांचवां सबसे आकर्षक इनवेस्टमेंट डेस्टिनेशन मानते हैं. ग्लोबल सीईओ के बीच किए गए एक सर्वे में भारत ने इस मामले में जापान को पीछे छोड़ दिया है. स्विट्जरलैंड के दावोस में आयोजित वर्ल्ड इकनॉमिक फोरम के अवसर पर यह सर्वे जारी हुआ है.
गौरतलब है कि अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष भी यह कह चुका है कि साल 2018 में भारत सबसे तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्थाओं में शामिल रहेगा. यह इस बात का संकेत है कि भारतीय अर्थव्यवस्था के पूरे माहौल में सुधार हो रहा है.
कंसल्टेंसी फर्म प्राइसवाटरहाउसकूपर्स द्वारा किए गए सर्वे में चीफ एग्जिक्यूटिव्स ने कहा, ‘अपने देश के अलावा वे सबसे पहले अमेरिका और फिर चीन में निवेश करना पसंद करेंगे.’
समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार, दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था अमेरिका में अब सुधार के संकेत दिख रहे हैं और कॉरपोरेट जगत के दिग्गजों को उम्मीद है कि अमेरिका में आगे काफी तेज बढ़त होगी. दूसरी तरफ, निवेश के मामले में चीन की भी दिग्गज कंपनियों के बीच लोकप्रियता बनी हुई है. निवेश के आकर्षण के मामले में भारत ने थोड़ा सुधार किया है, लेकिन इस मामले में अब भी वह जर्मनी और ब्रिटेन के पीछे पांचवें पायदान पर है.
दावोस में दुनिया के दिग्गज कारोबारियों के बीच पहुंचे पीएम नरेंद्र मोदी के लिए यह सर्वे उत्साह बढ़ाने वाला है, जो दुनिया को भारत के मेक इन इंडिया से जुड़ने के लिए प्रेरित करने गए हैं.
सर्वे के अनुसार करीब 46 फीसदी ग्लोबल सीईओ अमेरिका को निवेश के लिए सबसे आकर्षक मानते हैं, जबकि चीन को 33 फीसदी सीईओ पसंद करते हैं. भारत को पसंद करने वाले सिर्फ 9 फीसदी सीईओ हैं. पीडब्ल्यूसी इंडिया के चेयरमैन श्यामलाल मुखर्जी ने बताया कि सरकार द्वारा किए जा रहे संरचनात्मक सुधारों की वजह से पिछले एक साल में भारत के प्रति ग्लोबल इनवेस्टर्स में सकारात्मक माहौल बना है.
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