मुकदमों के ‘चुनिंदा’ तरीके से आवंटन और कुछ न्यायिक फैसलों के विरुद्ध चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया के खिलाफ एक तरह से बगावत का कदम उठाने वाले सुप्रीम कोर्ट के चार वरिष्ठतम जजों में एक न्यायमूर्ति कुरियन जोसेफ ने भरोसा जताया है कि उन्होंने जो मुद्दे उठाए हैं, उनका समाधान होगा. उनके और तीन अन्य जजों की प्रेस कांफ्रेंस के एक दिन बाद जोसेफ ने कहा कि उन्होंने न्याय और न्यायपालिका के हित में काम किया है.
केरल में अपने पैतृक घर पहुंचे न्यायमूर्ति जोसेफ ने कहा, ‘हम न्याय और न्यायपालिका के पक्ष में खड़े हुए. एक मुद्दे की ओर ध्यान दिलाया गया है. इस मुद्दे पर ध्यान लाने पर निश्चित तौर पर यह मुद्दा सुलझ जाएगा.’ न्यायमूर्ति जोसेफ ने बताया कि उनके साथ चार अन्य जजों ने न्यायपालिका में लोगों का भरोसा जीतने के लिए ये काम किया है.
चार जजों की प्रेस कॉन्फ्रेंस, SC में सबकुछ ठीक नहीं
आपको बता दें कि शुक्रवार सुबह देश में पहली बार न्यायपालिका में असाधारण स्थिति देखी गई. सुप्रीम कोर्ट के मौजूदा जजों ने मीडिया को संबोधित किया. चीफ जस्टिस के बाद दूसरे सबसे सीनियर जज जस्टिस चेलमेश्वर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि कभी-कभी होता है कि देश में सुप्रीम कोर्ट की व्यवस्था भी बदलती है.
उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का प्रशासन ठीक तरीके से काम नहीं कर रहा है, अगर ऐसा चलता रहा तो लोकतांत्रिक परिस्थिति ठीक नहीं रहेगी. उन्होंने कहा कि हमने इस मुद्दे पर चीफ जस्टिस से बात की, लेकिन उन्होंने हमारी बात नहीं सुनी.
चारों जजों ने कहा कि अगर हमने देश के सामने ये बातें नहीं रखी और हम नहीं बोले तो लोकतंत्र खत्म हो जाएगा. हमने चीफ जस्टिस से अनियमितताओं पर बात की. उन्होंने बताया कि चार महीने पहले हम सभी चार जजों ने चीफ जस्टिस को एक पत्र लिखा था, जो कि प्रशासन के बारे में थे, हमने कुछ मुद्दे उठाए थे. चीफ जस्टिस पर देश को फैसला करना चाहिए, हम बस देश का कर्ज अदा कर रहे हैं.