उन पर पीटीयू का वीसी रहते हुए वित्तीय अनियमितता और घपले में शामिल होने के आरोप हैं। रजनीश सात साल तक पीटीयू के वीसी रहे। इस दौरान उन पर घोटाले के कई आरोप लगे, लेकिन भाजपा-शिअद राज में उनकी अच्छी पहुंच थी, जिससे मामले दबा दिए गए। रजनीश अरोड़ा पर अपने कार्यकाल के दौरान वित्तीय अनियमितताएं, डिस्टेंस एजुकेशन की व्यवस्था को अपने जानकार को ठेके पर देने और नियमों को दरकिनार कर बहाली करने के आरोप हैं।
तकनीकी शिक्षा मंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने अरोड़ा पर 24 करोड़ रुपये का घोटाला करने का आरोप लगाया था। उन पर कार्रवाई के संकेत पहले से ही दे दिए थे। चन्नी ने बीते साल अक्तूबर में कहा था कि रजनीश अरोड़ा के खिलाफ मामला दर्ज कराने के लिए मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह से सिफारिश भेजी गई है। वे बिना अनुमति डिस्टेंस एजुकेशन के नाम पर आठ फीसदी कंसल्टेंसी फीस अदा करते रहे। ऐसे में 24 करोड़ रुपये उन्होंने अपने ही किसी व्यक्ति के खाते में ट्रांसफर कर दिए।