डीएमके के वरिष्ठ नेता के अनबझगन का शनिवार को चेन्नई में निधन हो गया। वह 97 वर्ष के थे। द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (डीएमके) प्रमुख एमके स्टालिन ने कहा कि पार्टी के सबसे वरिष्ठ नेता और दिवंगत नेता एम करुणानिधि के करीबी मित्र अनबझगन उम्र संबंधी बीमारियों के कारण पिछले कुछ वक्त से ठीक नहीं थे और उनकी तबीयत बिगड़ने पर 24 फरवरी को उन्हें अपोलो अस्पताल में भर्ती कराया गया था।
नौ बार के विधायक रहे अनबझगन 43 सालों तक पार्टी के महासचिव रहे। बीमारी के कारण वह कुछ समय से सक्रिय राजनीति से दूर थे। स्टालिन ने एक बयान में कहा कि अनबझगन के निधन के कारण पार्टी का झंडा सात दिनों तक आधा झुका रहेगा।उन्होंने बताया कि द्रमुक के सभी कार्यक्रमों को एक हफ्ते के लिए स्थगित कर दिया गया है।
उनके निधन पर एक हस्तलिखित नोट में स्टालिन ने लिखा, ‘जब मेरे अप्पा (पिता) का निधन हो गया, तो मैंने खुद को सांत्वना दी कि पेरियप्पा (अनबझगन) मेरा मार्गदर्शन करने के लिए हैं।
अब पेरियप्पा के निधन के बाद, मैं किससे सलाह लूंगा, मैं खुद को कैसे आश्वासन दूं?’ द्रमुक में ‘प्रोफेसर’ के तौर पर पहचाने जाने वाले अनबझगन तमिलनाडु के वित्त मंत्री और लोक कल्याण मंत्री रहे। अनबझगन के पार्थिव शरीर को शहर में स्थित उनके आवास पर ले जाया गया है।