9 अगस्त को सुबह 11 बजे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से कृषि इंफ्रास्ट्रक्चर फंड के तहत एक लाख करोड़ रुपये की वित्तपोषण सुविधा लॉन्च करेंगे। जुलाई में कृषि आधारभूत ढांचे के लिए सरकार ने रियायती ऋण का विस्तार करने के लिए एक लाख करोड़ के कोष के साथ कृषि इंफ्रास्ट्रक्चर फंड की स्थापना को मंजूरी दी थी।

इसके साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पीएम-किसान योजना के तहत 8.5 लाख करोड़ किसानों को छठी किस्त के रूप में 17,000 करोड रुपये भी जारी करेंगे।
कृषि इंफ्रास्ट्रक्चर फंड कोरोना वायरस महामारी से निपटने के लिए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा पेश किए गए 20 लाख करोड़ रुपये के प्रोत्साहन पैकेज का हिस्सा है।
कृषि इंफ्रास्ट्रक्चर फंड की अवधि 10 सालों तक यानी 2029 तक है। इससे ग्रामीण क्षेत्र में कृषि क्षेत्र से जुड़ा इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार करने में मदद मिलेगी। इसका लक्ष्य ग्रामीण क्षेत्र में निजी निवेश और नौकरियों को बढ़ावा देना है।
इसके तहत बैंकों और वित्तीय संस्थानों द्वारा प्राथमिक कृषि ऋण समितियों, किसान समूहों, किसान उत्पादक संगठनों (एफपीओ), कृषि-उद्यमियों, स्टार्टअप्स और एग्री-टेक खिलाड़ियों को ऋण के रूप में लगभग 1 लाख करोड़ रुपये प्रदान किए जाएंगे।
चार वर्षों में ऋण वितरित किया जाएगा। चालू वर्ष में 10,000 करोड़ रुपये और अगले तीन वित्तीय वर्षों में प्रत्येक साल में 30,000 करोड़ रुपये के ऋण वितरित होंगे।
इस वित्त पोषण सुविधा के तहत 2 करोड़ की सीमा तक सभी ऋणों पर सालाना तीन फीसदी का ब्याज सबवेंशन होगा। इसकी सुविधा अधिकतम सात वर्षों के लिए उपलब्ध होगी।
इस संदर्भ में मंत्रालय ने कहा कि कृषि इंफ्रास्ट्रक्चर फंड ऑनलाइन प्रबंधन सूचना प्रणाली (एमआईएस) प्लेटफॉर्म के माध्यम से प्रबंधित और मॉनिटर किया जाएगा।
यह ऋण के लिए आवेदन करने के लिए सभी योग्य संस्थाओं को सक्षम करेगा। कृषि और कृषि प्रसंस्करण आधारित गतिविधियों के लिए औपचारिक ऋण की सुविधा से ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के कई अवसर पैदा होने की उम्मीद है।
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