कानपुर में जुगल देवी सरस्वती विद्या मंदिर में पढ़ने वाले 9वीं के छात्र आशुतोष ने फांसी लगाकर जान दे दी। आशुतोष की नोटबुक में लिखे अल्फाज पुलिस को खटक रहे हैं।

नोटबुक के आखिरी में उसने एक छात्रा का नाम भी लिखा है। बेड पर उसी छात्रा की डायरी भी मिली है। डायरी में एक संस्था की ओर से आयोजित टैलेंट डेवलेपमेंट परीक्षा का प्रवेश पत्र भी था।
आशुतोष ने नोटबुक के आखिरी पेज पर लिखा है कि ‘हर इंसान अपने दोस्तों की तुलना में अपनी क्षमताओंं को जानता है। मुझे अच्छे दोस्तों की संगत मिली जो काफी सहयोगी भावना के हैं। लेकिन कभी-कभी मुझे उनके सामने शर्मिंदा होना पड़ता है, जब वे फर्राटेदार अंग्रेजी बोलते हैं।
इसके पहले मेरी पढ़ाई तेलुगू मीडियम स्कूल में हुई। इस वजह से अंग्रेजी बोलने में बच्चों को हिचक महसूस होती थी, लेकिन वहां इसके अलावा कोई और स्कूल भी नहीं था। मैं तुमसे वादा करता हूं कि बहुत जल्द अच्छी अंग्रेजी बोलने लगूंगा’।
इसके बाद आशुतोष ने अपने नाम से जोड़कर छात्रा का नाम लिखा है और हस्ताक्षर भी किए। पुलिस का मानना है कि वह छात्रा से दोस्ती करना चाहता था, इस वजह से वह अंग्रेजी बोलना सीख भी रहा था।
पुलिस पता लगा रही है कि आखिर छात्रा की डायरी आशुतोष के पास कैसे और क्यों आई। पुलिस छात्रा की डायरी और आशुतोष की नोटबुक को कब्जे में लेकर छानबीन कर रही है।
परिजनों ने बताया कि आशुतोष और अभिलाष दो भाई थे। दस साल पहले अभिलाष के जन्म के साथ ही मां का निधन हो गया था। तब आशुतोष पांच साल का था। पिता कामता प्रसाद गोंडा जिले के एक प्राइमरी स्कूल में टीचर हैं।
इतनी दूर पोस्टिंग की वजह से वह बच्चों को समय नहीं दे पाते थे। बचपन में ही मां का साया छिनने के बाद दादी-बाबा ने दोनों भाइयों को पाला। परिवार के दबाव के बाद भी कामता प्रसाद ने बच्चों की वजह से दूसरी शादी नहीं की। आशुतोष मां का काफी दुलारा था। इसलिए मां को याद कर अक्सर बेचैन हो उठता था। स्कूल के दोस्तों ने बताया कि मां को याद कर वह अक्सर रोता भी था।
आशुतोष की मौत की जानकारी होते ही हॉस्टल सहित पूरे स्कूल के बच्चे सहम से गए। उसके सहपाठी और हॉस्टल के बच्चे काफी देर तक रोते रहे। पुलिस आशुतोष की अलमारी और बॉक्स खोलकर उसके कपड़ों और अन्य सामान की छानबीन कर रही थी। पुलिस जो भी सामान बाहर निकालती साथी छात्र उन्हें ऐसे स्पर्श करते जैसे वे अपने दोस्त को स्पर्श कर रहे हों। घटना के बाद स्कूल की छुट्टी कर दी गई।
छात्र का शव मिलने की सूचना पर पुलिस तत्काल मौके पर पहुंची। फोरेंसिक एक्सपर्ट की मदद से साक्ष्यों की जांच करवाई जा रही है। बच्चों और स्कूल स्टाफ से भी पूछताछ चल रही है।
आशुतोष क्लास का सबसे होनहार छात्र था। उसे कभी इतना दुखी नहीं देखा गया, जिससे अंदाजा नहीं लगाया जा सकता की वह ऐसा भी कदम उठा सकता है।
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