धरती पर न जाने कई जीव-जंतुओं की प्रजातियां विलुप्त हो गईं और कई ऐसी प्रजाति भी हैं जो विलुप्त होने के कगार पर हैं। लेकिन इसी बीच एक कछुए ने विलुप्ति की कगार पर पहुंची अपनी पूरी प्रजाति को बचाने में अहम भूमिका निभाई है। इस कछुए ने अपनी प्रजाति बचाने के लिए एक-दो नहीं कुल 800 बच्चों के जन्म में साथ दिया। इस कछुए की की अभी उम्र 100 साल है और वजन करीब 80 किलो है।

डिएगो नामक यह कछुआ चेलोनोएडिस हूडेनसिस प्रजाति का है। करीब 50 साल पहले इस प्रजाति के सिर्फ दो कछुए नर कछुए और 12 मादा कछुए ही बचे थे। यह कछुए प्रशांत महासागर के गालापोगास आइलैंड में एक विशाल जगह पर रहते थे जिससे इनकी आबादी बढ़ने में दिक्कत हो रही थी। अबादी न बढ़ने के कारण यह प्रजाति विलुप्त होने के कगार पर थी।
ऐसे में इस प्रजाति को बचाने के लिए 1965 में कैप्टिव ब्रीडिंग प्रोग्राम के तहत सभी कछुओं को दक्षिणी कैलिफोर्निया के सांता क्रूज आइलैंड चिड़ियाघर में लाया गया। चिड़ियाघर में डिएगो को 12 मादा कछुओं के साथ रखा गया।
कैप्टिव ब्रीडिंग प्रोग्राम की यह पहल काम कर गई और इन कछुओं की अबादी बढ़कर 2000 हो गई। अबादी बढ़ाने में डिएगो ने अहम भूमिका निभाई और 800 कछुओं को जन्म देने में साथ दिया। अबादी बढ़ाने में 40 प्रतिशत योगदान डिएगो का ही रहा।
करीब पांच दशक तक अपनी प्रजाति बढ़ाने में अहम भूमिका निभाने वाले डिएगो को अब इस साल मार्च में सेवानिवृत कर दिया जाएगा। सेवानिवृत होने के बाद डिएगो वापस अपने घर प्रशांत महासागर में स्थित गालापोगास आइलैंड चला जाएगा।
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