74.40 लाख से खरीदे नौ जेनरेटर, सालभर में 10 घंटे भी नहीं चले; बीएचयू की कैग रिपोर्ट में हुआ खुलासा

बीएचयू में तीन विभागों में 74.40 लाख रुपये की लागत से तीन साल में 9 जेनरेटर खरीदे गए। ये जेनरेटर कुल मिलाकर हर साल 10 घंटे भी नहीं चले। कैग टीम ने अपनी ऑडिट में इसका खुलासा किया है।

भारतीय लेखा परीक्षा और लेखा विभाग के प्रधान निदेशक लेखा परीक्षा लखनऊ कार्यालय की ओर से जनवरी 2024 में शिक्षा मंत्रालय को भेजी गई ऑडिट रिपोर्ट में बीएचूय की खरीदारी का मूल्यांकन का जिक्र किया है। ऑडिट के समय लेखा परीक्षण में पाया गया कि 2019-20 से 2021-22 के दौरान तीन विभागों में जनरेटर खरीदे गए।

यह देखा गया कि इन जनरेटरों को इन वर्षों के दौरान थोड़े समय की बिजली कटौती के मामले में 10.42 घंटे बिजली की आवश्यकता को पूरा करने के लिए नहीं बल्कि केवल रखरखाव के उद्देश्य से चलाया गया। लेखा विभाग ने अपनी रिपोर्ट में यह कहा है कि विश्वविद्यालय में 18 हजार केवीए का बिजली कनेक्शन है। इसके लिए विश्वविद्यालय सुरक्षात्मक भार के लिए हर साल 7.78 करोड़ रुपये का शुल्क भी दे रहा है।

इसके अलावा थोड़े समय के लिए विद्युत व्यवधान की स्थिति में कंप्यूटरों के कामकाज के लिए हर विभाग में यूपीएस तथा यूनीलाइन यूपीएस भी उपलब्ध हैं। इन सबके होते हुए जेनरेटर की कोई आवश्यकता नहीं है। इसलिए खरीदे गए सभी जनरेटर पिछले तीन वर्षों से बेकार पड़े हैं।

विभागों से मिला अलग-अलग जवाब
ऑडिट में आपत्ति के बारे में विभागों की ओर से अलग-अलग जवाब भी दिया गया है। कृषि विज्ञान संस्थान की ओर से जवाब दिया गया है कि संस्थान के विभिन्न स्थानों पर बार-बार बिजली खराब होने की शिकायत को देखते हुए तत्कालीन अधिकारियों द्वारा महसूस की गई आवश्यकताओं के आधार पर जनरेटर खरीदा गया था। सेंट्रल डिस्कवरी सेंटर में स्थापित उपकरणों की सुरक्षा के लिए निर्बाध बिजली आपूर्ति की आवश्यकता होती है। इसलिए जनरेटर का बैकअप रखा गया है।

रसायन विज्ञान विभाग की ओर से जो जवाब मिला, वह यह कि जेनरेटर एक स्टैंडबाय सुविधा के रूप में काम करते हैं, जिससे निर्बाध कामकाज सुनिश्चित होता है। हालांकि इन जवाबों पर ऑडिट करने वाली टीम ने कहा कि ये जवाब स्वीकार्य नहीं हैं। क्योंकि जनरेटर विश्वविद्यालय की किसी भी बिजली आवश्यकता के लिए नहीं चलाए जा रहे हैं। इसके अलावा, तथ्य यह है कि पिछले तीन वर्षों के दौरान बिजली कटौती का कोई अवसर नहीं था, जिसके लिए जनरेटर का उपयोग करना जरूरी हो।

किन-किन विभागों में खरीदे गए जेनरेटर
सेंटर फार जेनेटिक डिसआर्डर्स
डेयरी साइंस एंड फूड टेक्नोलॉजी
सामाजिक विज्ञान संकाय
छात्र स्वास्थ्य संकुल
राजीव गांधी साउथ कैंपस बरकछा
कृषि विज्ञान, जियोग्राफी, जियोफिजिक्स डिपार्टमेंट
विज्ञान संस्थान लेक्चर थियेटर काॅम्पलेक्स, सेमिनार हाल
कंप्यूटर डिस्कवरी सेंटर
केमिस्ट्री डिपार्टमेंट

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