इस बार भद्रा की बाधा और चंद्रग्रहण के साये के बीच 7 अगस्त को रक्षाबंधन का त्योहार मनेगा। इसी दिन सावन पूर्णिमा भी रहेगी और इसके साथ सावन महीने का समापन भी हो जाएगा। इस दिन मकर राशि में खंड ग्रास चंद्रग्रहण लगेगा। रात 10।47 बजे चंद्रग्रहण का स्पर्श और रात 12।48 बजे मोक्ष होगा।
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साल का यह पहला चंद्रग्रहण होगा, जो चूड़ामणि योग में लगेगा। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार- रक्षाबंधन में भद्रा समय का त्याग करना आवश्यक है। दिन में 10।30 बजे तक भद्रा रहेगी। इसलिए 10।30 बजे के बाद रक्षा बंधन करना शास्त्रोचित है। कई वर्षों के बाद ऐसा संयोग बन रहा है कि सावन पूर्णिमा के दिन चंद्रग्रहण लग रहा है।
भद्रा योग और सूतक में राखी बांधने का नियम नहीं है। भद्रा में रक्षा बंधन करने से राजा का विनाश होता है और संवत जलाने से गांव जलता है। रात में चंद्रग्रहण है, इसीलिए 12 घंटे पहले ही सूतक लग जाएगा। इस दौरान मंदिरों के पट बंद रहेंगे और पूजा नहीं होगी। सूतक लगने के बाद लोग सिर्फ मंत्र का जाप कर सकते हैं। इस अवधी में इसके अलावा कोई अन्य शुभ कार्य नहीं करना चाहिए।
शास्त्रों में वर्णित है कि चंद्रग्रहण से नौ घंटा पहले सूतक लग जाता है। इसलिए सुबह 10।30 बजे से 1।30 बजे दिन तक ही रक्षा बंधन करना शास्त्रसम्मत है।
सावन पूर्णिमा के दिन ही संस्कृत भाषा दिवस भी मनाया जाता है। चंद्रग्रहण भारत के अलावा एशिया के अधिकांश देशों, आस्ट्रेलिया, यूरोपीय देशों, दक्षिण अफ्रीका आदि स्थानों पर देखा जा सकेगा।
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