सऊदी अरब ने रविवार को सात महीने बाद इस्लाम के सबसे पवित्र स्थल मक्का को प्रार्थना के लिए खोल दिया है. इसके अलावा उमरा तीर्थयात्रियों की संख्या 15000 कर दी गई है. कोरोना वायरस महामारी के चलते साल भर चलने वाले उमरा तीर्थयात्रा को बंद कर दिया गया था. अधिकारियों ने बताया कि सिर्फ मास्क पहनकर ही मस्जिद के अंदर इबादत की अनुमति दी गई है.
1 नवंबर से विदेशी तीर्थयात्रियों को अनुमति
इस महीने की शुरुआत में सऊदी अरब ने प्रतिदिन 6,000 लोगों को उमरा करने की अनुमित दी थी. रविवार से शुरू हुए दूसरे चरण के तहत उमरा तीर्थयात्रियों की संख्या प्रति दिन 15,000 कर दी गई है. उमरा तीर्थयात्रियों सहित अधिकतम 40,000 लोगों को अब मस्जिद में नमाज पढ़ने की अनुमति होगी.
तीसरे चरण के तहत एक नवंबर से विदेश से आने वाले तीर्थयात्रियों को अनुमति दी जाएगी. साथ ही उमरा तीर्थयात्रियों की सीमा को बढ़ाकर 20,000 कर दिया जाएगा. साथ ही मक्का मस्जिद में रोजाना 60 हजार लोगों को प्रार्थना करने की अनुमति होगी.
मस्जिद में प्रार्थना के दौरान कई सावधानियां बरती जाएंगी. मस्जिद में हर बार श्रद्धालुओं के समूह की इबादत के बाद उसे सैनिटाइज किया जाएगा. अधिकारियों ने बताया कि तीर्थयात्रियों के शरीर के तापमान को मापने के लिए थर्मल सेंसर लगाए गए हैं. हर साल लाखों लोग सऊदी अरब में उमरा के लिए जाते हैं. अधिकारियों ने कहा है कि महामारी का खतरा टल जाने के बाद ही उमरा पहले की तरह हो पाएगा.
इस साल सिर्फ 10 हजार लोगों ने किया हज
आधुनिक इतिहास के सबसे छोटे पैमाने पर सऊदी अरब ने जुलाई के अंत में हज की मेजबानी की थी. इस बार सिर्फ 10,000 लोगों को ही हज की इजाजत थी, जबकि पिछले साल 25 लाख लोगों ने हज यात्रा की थी. सऊदी अरब में कोरोना वायरस के अब तक 3.42 लाख मामले सामने आए हैं जबकि इसकी वजह से 5185 लोगों की मौत हुई है.