मुंबई के कल्याण में एक महिला को अपने छह महीने के बच्चे को लेकर तीन अस्पतालों में भटकना पड़ा. दरअसल महिला के ससुर की कोरोना वायरस टेस्ट रिपोर्ट पॉजिटिव आई है, जिसके बाद उस महिला को अपने छह माह के बच्चे को भर्ती करवाने के लिए कई अस्पतालों के चक्कर काटने पड़े.
मुंबई में कोरोना वायरस का नया मामला छह महीने के बच्चे का है, जिसमें कोरोना वायरस संक्रमण की पुष्टि हुई है. गुरुवार को महिला के 67 वर्षीय ससुर को कोरोना पॉजिटिव पाया गया था और पांच लोगों के परिवार को आगे के परीक्षण और आइसोलेशन के लिए नगर पालिका अस्पतालों में भेजा गया था.
महिला ने बताया, “मेरा एक बेटा छह साल का है और एक छह महीने का है. मेरे बच्चे को बुखार था लेकिन शुक्रवार सुबह से उसकी हालत बिगड़ गई. हमें शास्त्री नगर अस्पताल भेजा गया, जहां कोई सुविधा नहीं थी. कई बार अनुरोध करने पर शास्त्री नगर के नगरपालिका अस्पताल के अधिकारियों ने एक एम्बुलेंस भेजी, जिसमें हमें तारदेव के एसआरसीसी अस्पताल में ले जाया गया.”
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महिला ने बताया, “यह किसी बुरे सपने से कम नहीं था, क्योंकि मेरे बच्चे का तापमान बहुत बढ़ गया था. उसने दूध पीना बंद कर दिया और उसकी हालत बिगड़ती चली गई. जब हम एसआरसीसी अस्पताल पहुंचे, तो अस्पताल के अधिकारियों ने बच्चे को भर्ती करने या उसका इलाज करने से इनकार कर दिया. उन्होंने कहा कि वे Covid-19 के रोगियों का इलाज नहीं कर रहे हैं और मुझे कस्तूरबा अस्पताल जाना होगा. कई घंटे वहां अनुरोध करने के बाद SRCC अस्पताल के एक सीनियर डॉक्टर ने कस्तूरबा अस्पताल में एडमिशन के लिए एक पत्र लिखा.”
महिला जब बच्चे को लेकर कस्तूरबा अस्पताल पहुंची तो बच्चे को बहुत तेज बुखार था, उसका चेहरा पीला पड़ गया, उसके शरीर में कोई हलचल नहीं हो रही थी. महिला घबराहट में इधर-उधर भागती रही लेकिन उसकी बातों पर किसी ने ध्यान नहीं दिया.
महिला की इस हालत के बारे में महाराष्ट्र के स्वास्थ्य मंत्री को सूचना दी गई और उनके हस्तक्षेप के बाद आखिरकार उस बच्चे को कस्तूरबा अस्पताल में भर्ती किया गया. शनिवार को बच्चे की रिपोर्ट आई और पता चला कि उसे भी कोरोना वायरस का संक्रमण है. अब महिला का पूरा परिवार कस्तूरबा अस्पताल में भर्ती है.
महिला के ससुर या उनके परिवार के किसी भी सदस्य की विदेश यात्रा की कोई ट्रैवल हिस्ट्री नहीं है. लेकिन परिवार में दो लोगों में संक्रमण पाया गया है कि इसलिए पूरे परिवार को कम्युनिटी संक्रमण का संदिग्ध मानकर भर्ती किया गया है. कल्याण डोंबिवली जैसे क्षेत्रों को सील कर दिया गया है और आवश्यक सेवाओं और कर्मियों के वाहनों के अलावा किसी भी वाहन को यातायात की अनुमति नहीं है. बस्ती में कोरोना मामलों की बढ़ती संख्या को देखते हुए अधिकारी यह सुनिश्चित करने में लगे हैं कि यहां कम्युनिटी संक्रमण होने से रोका जा सके.