चंडीगढ़ः हरियाणा में विधानसभा चुनाव के लिए बिगुल बज चुका है और पार्टियां टिकट आवंटन को लेकर मंथन कर रही हैं। ऐसे में हरियाणा भाजपा प्रदेश अध्यक्ष चुनाव आयोग को पत्र लिखा था कि वोटिंग की तारीख बदली जाए।मोहन लाल बड़ौली ने लेटर में लिखा कि ये छुट्टी का समय होता है और काफी लोग बाहर चले जाते हैं। 28 तारीख को शनिवार और 29 तारीख को रविवार है।
1 अक्टूबर को वोटिंग होगी, और 2 अक्टूबर को गांधी जयंती की छुट्टी है। वहीं 3 अक्टूबर को अग्रसेन जयंती का अवकाश है। उन्होंने कहा कि बिश्नोई समाज का धार्मिक अनुष्ठान भी है। इसका इफेक्ट वोटिंग पर पड़ेगा। हरियाणा का विधानसभा सत्र बुलाने को लेकर मोहनलाल बडोली ने कहा कि अगर कोई कानूनी अड़चन हैं तो उसको दूर करना चाहिए और सेशन बुलाना चाहिए।
एक अक्टूबर से पहले हो सकते हैं चुनाव
बता दें कि केंद्रीय निर्वाचन आयोग छुट्टियों और त्योहारों के बीच पड़ रहे हरियाणा विधानसभा चुनाव की तारीख बदल सकता है, जो अभी एक अक्टूबर है। ज्यादा संभावना है कि इसे एक अक्टूबर से पहले यानी जम्मू कश्मीर में दूसरे चरण के लिए होने वाले मतदान के साथ करा लिया जाए जो 25 सितंबर को होगा। कुछ लोगों का मानना है कि तिथि को पहले करने के बजाय आगे बढ़ा दिया जाए। इस पर अंतिम फैसला आज होगा, लेकिन अधिक उम्मीद तिथि पहले करने की है क्योंकि ऐसी स्थिति में मतगणना की तिथि आगे नहीं बढ़ानी पड़ेगी। वैसे भी ननै अक्टूबर से दुर्गा पूजा की भी शुरुआत हो रही है।
आज होगा इस बारे में अंतिम फैसला
हरियाणा मतदान तिथि में बदलाव की मांग ने उस समय जोर पकड़ा है, जब भाजपा ने मतदान के आगे-पीछे लंबी छुट्टी और त्यौहार की दलील दी। भाजपा की राज्य इकाई का कहना है कि यदि इनके बीच चुनाव कराए गए तो मतदान प्रतिशत में कमी हो सकती है क्योंकि छुट्टियों के चलते लोग बाहर जा सकते है। इस मांग का समर्थन इंडियन नेशनल लोकदल ने भी किया है। विश्नोई समाज ने भी त्योहार का हवाला देते हुए मतदान की तिथि में बदलाव की मांग की है।
लोकसभा चुनाव का दिया गया हवाला
आयोग के सूत्रों ने बताया कि लोकसभा चुनाव में भी जिन चरणों में शुक्रवार या सोमवार को वोटिंग कराई गई, वहीं मतदान का मतप्रतिशत अन्य चरणों से कम रहा। समीक्षा के बाद आयोग ने तय किया था कि अब वह मतदाताओं के लंबी छुट्टी का लाभ उठाते हुए घूमने चले जाने के कारण शुक्रवार और सोमवार को मतदान नहीं कराएगा। इस कसौटी पर हरियाणा में मतगणना की तिथि बढ़ाने की मांग को खारिज नहीं किया जा सकता। वह इसलिए कि राज्य में 30 सितंबर को छोड़ कर 28 सितंबर से 3 अक्तूबर तक छुट्टियां रहेंगी।