सोमवार 20 जुलाई की सुबह तो इस साल इंडियन प्रीमियर लीग यानी आइपीएल का आयोजन हो पाएगा भी या नहीं? इस पर संशय बना हुआ था, क्योंकि भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड यानी बीसीसीआइ तब तक आइपीएल के आयोजन पर फैसला नहीं ले सकती थी, जब तक कि इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल यानी आइसीसी इस साल ऑस्ट्रेलिया में होने वाले टी20 वर्ल्ड कप को स्थगित नहीं कर देती। सोमवार की देर शाम को ऐसा हो गया और टी20 वर्ल्ड कप स्थगित कर दिया गया।
टी20 वर्ल्ड कप के स्थगित होते ही आइपीएल 2020 के लिए भी दरवाजे खुल गए, लेकिन आपको जानकर हैरानी हो सकती है कि बीसीसीआइ को अब 6 महीने के अंदर-अंदर आइपीएल के दो संस्करणों का आयोजन करना होगा। इसके पीछे एक नहीं, बल्कि कई कारण हैं, जिसका खुलासा हम आज करने वाले हैं कि आखिर क्यों बीसीसीआइ की मजबूरी है कि दो बैक-टू-बैक आइपीएल आयोजित करने पड़ेंगे। बीसीसीआइ के ऊपर आइपीएल एक आयोजन को लेकर किसी बोर्ड या आइसीसी का दवाब नहीं है।
दरअसल, इस साल आइपीएल सितंबर से लेकर नवंबर के पहले सप्ताह तक खेला जाना है, जिसका आधिकारिक ऐलान अभी नहीं हुआ है, लेकिन बीसीसीआइ की एपेक्स काउंसिल और आइपीएल गवर्निंग काउंसिल की बैठक में ये तय हो गया है कि सितंबर के आखिर से नवंबर की शुरुआत तक आइपीएल के 13वें सीजन को समाप्त करना है। इसके बाद बीसीसीआइ को अगले 6 महीने में एक और आइपीएल का आयोजन करना होगा, क्योंकि फिर आगे कोई भी विंडो खाली नजर नहीं आ रही है।
आइसीसी ने टी20 विश्व कप 2021 के लिए अक्टूबर-नवंबर की विंडो तय की है, जबकि इस साल टी20 फॉर्मेट में आयोजित होने वाले एशिया कप को भी टाल दिया है। ऐसे में एशिया कप 2020 में न होकर 2021 में होगा और इस टूर्नामेंट के लिए सितंबर की विंडो एशियन क्रिकेट काउंसिल अपना सकती है। इसके अलावा मई के आखिर से अगस्त-सितंबर तक इंग्लैंड और अन्य देशों में क्रिकेट खेली जाती है। ऐसे में बीसीसीआइ के पास सिर्फ अप्रैल और मई की विंडो आइपीएल की बचती है।
अप्रैल और मई की विंडो आइपीएल को इसलिए भी शूट करती है, क्योंकि एशिया को छोड़कर उस दौरान किसी भी देश में क्रिकेट खेलने का मौसम नहीं होता। ऐस में सभी खिलाड़ी इस लीग में खेलते हैं। यही कारण है कि बीसीसीआइ को नवंबर में आइपीएल के 13वें सीजन को समाप्त करना होगा, जबकि 14वें सीजन के लिए बीसीसीआइ को फिर से अप्रैल और मई की विंडो चाहिए होगी। इस तरह बीसीसीआइ को 6 महीने में दो आइपीएल आयोजित कराने होंगे।