उत्तराखंड के चमोली जिले में ग्लेशियर फटने से बड़ी तबाही हुई है. ग्लेशियर टूटने से धौलीगंगा नदी में बाढ़ जैसी स्थिति पैदा हो गई है और उग्र रूप लिए पानी तेजी से आगे बढ़ रहा है. इस तरह की भयंकर प्राकृतिक आपदा को लेकर ज्योतिषविद काफी दिनों से चिंतित थे और आगाह कर रहे थे. आइए इस हालिया घटना को ज्योतिष शास्त्र के नजरिए से समझने का प्रयास करते हैं.
ज्योतिषविद करिश्मा कौशिक के मुताबिक, मकर राशि में इस वक्त पांच ग्रह पहले से मौजूद हैं. इस राशि में शनि, गुरु, बुध, शुक्र और सूर्य पहले से विराजमान हैं, लेकिन 9 फरवरी को यहां चंद्रमा भी दस्तक देने वाले हैं. जब एक राशि में 5 से ज्यादा ग्रहों की युति होती है तो इसे गोल योग कहते हैं और इस योग को बेहद अशुभ माना जाता है.
ज्योतिषविद की मानें तो 59 साल बाद ग्रहों की ऐसी स्थिति बन रही है. इससे पहले साल 1962 में मकर राशि में एकसाथ सात ग्रह आए थे. तब भी देश-दुनिया बड़े संकट के दौर से गुजरी थी. 26 दिसंबर 2019 में भी धनु राशि में पांच ग्रहों का योग बना था और इसके बाद पूरी दुनिया महामारी के संकट से गुजरी.
अब 9 फरवरी को ऐसा ही षटग्रही योग बन रहा है. ज्योतिषविद का कहना है कि जब किसी राशि में एक साथ पांच से ज्यादा ग्रह आते हैं तो संकट की स्थिति उत्पन्न होती है. मकर राशि में छठवां ग्रह आने से पहले ही उत्तराखंड में ग्लेशियर का टूटना ऐसी भविष्यवाणियों को मजबूत करता है.
ज्योतिर्विद ने बताया कि मकर पृथ्वी तत्व की राशि है. इसलिए पृथ्वी से जुड़ी घटनाएं जैसे कि भूकंप, बर्फबारी, अचानक से ठंड बढ़ना, पानी वाले इलाकों में बरसात या मौसम के अचानक करवट लेने की संभावना रहती है. कुल मिलाकर ऐसा संयोग प्राकृतिक आपदाओं को बढ़ावा दे सकता है.
गोल योग का असर राजनीतिक क्षेत्र में भी पड़ता है. देशभर में चल रहा किसान आंदोलन तेज हो सकता है. राजनीतिक उठा-पटक देखने को मिल सकती है. 9 फरवरी को न्याय के देवता शनि उदय हो जाएंगे. इस बीच कुछ अहम फैसले आने की भी संभावना रहेगी.
14 फरवरी को जब बृहस्पति का उदय होगा तब एक बार फिर लोगों की मुश्किलें बढ़ सकती हैं. धन के मामले में दिक्कतें बढ़ सकती हैं. अगले दो महीनों तक स्थिति लगभग ऐसी ही बनी रह सकती है. मौसम और राजनीति पर इसका सबसे ज्यादा असर देखने को मिलेगा.