5 लाख से अरबपति बने CCD के फाउंडर वी.जी. सिद्धार्थ कल शाम से लापता, जानिए इनकी कहानी

सीसीडी यानी Cafe Coffee Day। शायद ही कोई हो जो इस नाम से परिचित ना हो। दोस्तों के साथ क्वालिटी टाइम स्पेंड करना हो, कॉफी की चुस्कियों के साथ किसी से मीटिंग करनी हो या ऑफिस के काम के बीच कुछ फुर्सत के पल बिताने हों, सीसीडी से मुफीद जगह शायद ही कोई है। उसी सीसीडी के फाउंडर वी जी सिद्धार्थ कल शाम से लापता हैं।

देश में कॉफी कैफे की शुरुआत करने वाले और भारत के कॉफी किंग कहे जाने वाले सिद्धार्थ कल शाम मंगलूरु के पास नेत्रावदी नदी पर बने एक पुल पर किसी से फोन पर बात करने के लिए कार से उतरे थे। जब एक घंटे तक भी वे कार में नहीं लौटे, तो ड्राइवर को चिंता हुई। ड्राइवर ने सिद्धार्थ को खोजा, लेकिन वे कहीं नहीं मिले। ऐसी आशंका जताई जा रही है कि सिद्धार्थ ने नेत्रावदी नदी में कूद कर आत्महत्या कर ली हो। यह इसलिए भी कहा जा रहा है क्योंकि, लापता होने से पहले एक लेटर में उन्होंने कहा है कि वे एक उद्यमी के तौर पर असफल रहे हैं। अब सिद्धार्थ के साथ क्या हुआ, वह तो पुलिस की छानबीन से ही पता चलेगा, लेकिन 1 अरब डॉलर से अधिक के मालिक सिद्धार्थ ने अपने जीवन में जो फर्श से अर्श तक का सफर तय किया है, वह हर किसी के लिए प्रेरणादायी है।

सिद्धार्थ चाहते तो परिवार से विरासत में मिली कॉफी की खेती से आराम से अपना जीवन गुजार सकते थे, लेकिन कर्नाटक के चिकमंगलुरु में जन्मे सिद्धार्थ बड़े महत्वाकांक्षी थे। 21 साल की उम्र में सिद्धार्थ ने अपने पिता से कहा कि वे मुंबई जाना चाहते हैं। सिद्धार्थ ने जिद की, तो पिता ने बात मान ली और उनके हाथ में 5 लाख रुपये थमाते हुए कहा कि अगर कभी असफल हो जाओ, तो वापस आ जाना। अब सिद्धार्थ ने पांच में से तीन लाख की तो जमीन खरीदी और दो लाख बैंक में जमा कर दिए।

मुंबई पहुंचकर सिद्धार्थ ने बतौर मैनेजमेंट ट्रेनी जेएम फाइनैंशल सर्विसेज में 2 साल तक नौकरी की। यहां से उन्होंने शेयर बाजार की अच्छी-खासी समझ प्राप्त कर ली। नौकरी सिद्धार्थ की बढ़िया चल रही थी, लेकिन उन्हें तो अपना कारोबार शुरू करना था। इसलिए कंपनी छोड़ी और बेंगलुरु आकर अपने 2 लाख रुपयों से एक फाइनेंस कंपनी खोल ली। नाम रखा सिवान सिक्यॉरिटीज। इस कंपनी ने निवेश बैंकिंग और स्टॉक ब्रोकिंग में सफलता के झंडे गाढ़े। इस कंपनी का नाम बाद में way2wealth securities ltd हो गया।

सिद्धार्थ ने फाइनैंशल सर्विस सेक्टर में करीब 10 सालों तक कारोबार किया लेकिन वे कुछ नया करना चाहते थे। विरासत में मिली कॉफी की खेती से प्रेरित होकर उन्होंने सिर्फ पांच सितारा होटल्स में चलन में आ रही कॉफी को आम लोगों तक पहुंचाने का मन बनाया।

यह वह समय था जब युवाओं में इंटरनेट का क्रेज था। सिद्धार्थ ने इसका फायदा उठाया और साल 1996 में बेंगलुरू के ब्रिगेड रोड से पहला कॉफी कैफे खोला। उन्होंने उस समय कॉफी कैफे को इंटरनेट कैफे के साथ खोला था। युवाओं को यह कैफे खूब पसंद आया और यह उनका फैवरेट हैंगआउट स्पॉट बन गया। तेजी से इस कॉन्सेप्ट को लोकप्रियता मिली, तो सिद्धार्थ ने सीसीडी की चेन बनाना शुरू कर दिया। आज सीसीडी देश की सबसे बड़ी कॉफी चेन है। भारत के 247 शहरों में सीसीडी के 1,758 कैफे हैं। भारत में ही नहीं, बल्कि ऑस्ट्रिया, कराची, दुबई और चेक रिपब्लिक जैसे देशों में भी सीसीडी के कैफे मौजूद हैं।

पिछले दो सालों से सीसीडी के विस्तार की रफ्तार धीमी पड़ी है। कंपनी का कर्ज भी बढ़ा है। इस साल जनवरी में आयकर विभाग ने कॉफी डे एंटरप्राइज और वीजी सिद्धार्थ के स्वामित्व वाली माइंडट्री के शेयर जब्त कर लिये थे। सिंतंबर 2017 से ही सिद्धार्थ के खिलाफ इनकम टैक्स विभाग की जांच चल रही है।

लापता होने से पहले विद्धार्थ ने सीसीडी बोर्ड के लिए एक लेटर लिखा था। इसमें उन्होंने कहा, ‘तमाम कोशिशों के बाद भी मैं कारोबार को मुनाफे में नहीं ला पाया, मैंने लंबी लड़ाई लड़ी लेकिन मैं हार गया। मैं लेनदारों के दबाव के कारण परिस्थितियों से हार गया। मुझ पर भरोसा करने वालों से मैं माफी मांगता हूं। सभी तरह के वित्तीय लेनदेन मेरी जिम्मेदारी है। हमने कुल 50,000 नौकरियां दीं। हमने किसी के साथ धोखा नहीं किया। हमने किसी को गुमराह करने की कोशिश नहीं की। उम्मीद है कि लोग मुझे माफ कर देंगे।’

सिद्धार्थ अपने कारोबार को लेकर परेशान बताये जाते है, लेकिन उनके खिलाफ जारी कानूनी मामला इतना भी पेचीदा नहीं है। ईडी के डायरेक्टर ने कहा है कि उनके खिलाफ जांच ना तो बहुत गंभीर थी और ना ही बहुत विस्तृत ही थी।

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com