श्रीहरिकोटा के सतीश धवन स्पेस सेंटर से लॉन्चिंग की तैयारियां तेज हो गई हैं। जीआई-सैट1 जियो स्टेशनरी ऑर्बिट से पृथ्वी की निगरानी करने वाला देश का पहला उपग्रह होगा। इसकी लॉन्चिंग बृहस्पतिवार शाम 5 बजकर 43 मिनट पर होगी।
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) जीएसएलवी-एफ-10 लॉन्च व्हीकल से जियो इमेजिंग सैटेलाइट -1 (जीआई-सैट1) बृहस्पतिवार को शाम 5: 43 बजे श्रीहरिकोटा के सतीश धवन स्पेस सेंटर से लॉन्च होगा। जीआई-सैट1 जियो स्टेशनरी ऑर्बिट से पृथ्वी की निगरानी करने वाला देश का पहला स्टेट ऑफ द आर्ट सैटेलाइट है ये उपग्रह पृथ्वी से 36 हजार किमी दूर कक्षा में स्थापित होगा। इसका उपयोग निगरानी करने के लिए होगा।
जीआई-सैट1 पृथ्वी का चक्कर लगाने के बाद हर दो घंटे के अंतराल पर वापस अपने स्थान पर लौटेगा। ये तेजी के साथ पृथ्वी की तस्वीरें लेने के साथ कड़ी निगरानी करेगा। वैज्ञानिकों का ये भी मानना है कि इस उपग्रह की खासियत ये है कि ये एक बिंदु पर लंबे समय तक नजर रख सकता है। लॉन्चिंग प्रक्रिया में कुल 18 मिनट 39 सेकंड का समय लग सकता है।
- 2,268 किलो वजनी है सैटेलाइट
- 5 बजकर 43 मिनट पर शाम को होगी लॉन्चिंग
- 18 मिनट 39 सेकंड का समय लगेगा लॉन्चिंग में
- 3 इमेजिंग सेंसर उपग्रह के प्रमुख पे-लोड
- 7 साल तक करेगा काम, 2280 वॉट है ताकत
वैज्ञानिकों का मानना है कि इस उपग्रह से प्राकृतिक आपदा के साथ पृथ्वी पर चल रही छोटी-छोटी घटनात्मक गतिविधियों पर नजर रखी जा सकती है। इसके अलावा कृषि, वन, खनन, बादल, बर्फबारी, ग्लेशियर क्षेत्रों के साथ और महासागरों में चल रही हर तरह गतिविधि पर नजर रखी जा सकेगी।
इसरो के वैज्ञानिकों का मानना है कि जीआई-सैट1 की लॉन्चिंग से पहले मौसम का मिजाज अहम है। उपग्रह की लॉन्चिंग से पहले मौसम का मिजाज बदलता है या उसके अनुकूल नहीं रहता है तो मिशन को टाला जा सकता है
जीएसएलवी-एफ10 इसरो का चौथी पीढ़ी का लॉन्चिंग व्हीकल है जो बृहस्पतिवार को 14वीं बार किसी उपग्रह को उसकी कक्षा में पहुंचाएगा। इसका तीन चरणों में निर्माण हुआ है जिसमें चार लिक्व्डि स्ट्रैप लगे हैं। पहले ही चरण से इसमें ताकतवर मोटर लगी है। इसरो ने इस उपग्रह में पहली बार चार मीटर व्यास वाला ओ आकार का पे-लोड प्रयोग किया है जो जीएसएलवी के साथ पहली बार मिशन पर निकलेगा।