बस कुछ दिनों की और बात है जब उत्तर प्रदेश के अयोध्या में इतिहास रचा जाएगा. पांच अगस्त को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अयोध्या में भव्य राम मंदिर का भूमि पूजन करेंगे.
जिसके बाद यहां पर मंदिर का निर्माण तेज गति से शुरू किया जाएगा. अयोध्या में अभी से ही भूमि पूजन की तैयारी शुरू हो गई है, पूरे शहर को सजाया जा रहा है. एक बार फिर दीवाली जैसा माहौल बनाने की कोशिश है, लेकिन साथ ही साथ कोरोना संकट के कारण सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान भी रखा जा रहा है.
1. 5 अगस्त को अयोध्या जाकर पीएम मोदी भव्य राम मंदिर का भूमिपूजन करने वाले हैं. भूमिपूजन से पहले पीएम मोदी एक शिखर और 5 मंडप वाले 3 मंजिला मंदिर के मॉडल को उसी दिन राम जन्मभूमि परिसर में देखेंगे और उसी वक्त यह मॉडल आम लोगों के लिए रखा जाएगा.
2. राम मंदिर के नए मॉडल के तहत इसमें कुल 17 हिस्से होंगे. इन्हें शिखर, गर्भगृह, कलश गोपुरम रथ, मंडप और अर्थ मंडप, परिक्रमा तोरण, प्रदक्षिणा अधिष्ठान जैसे वर्गों में बांटा गया है. इसी मॉडल को आम जनता के लिए भी रखा जाएगा.
3. राम मंदिर निर्माण के लिए भूमि पूजन यूं तो 5 अगस्त को होगा, मगर 3 अगस्त से ही अयोध्या में उत्सव शुरू हो जाएगा. यहां दीवाली जैसा माहौल बनाया जाएगा, इस दौरान प्रशासन की ओर से शहर में लाखों दिए जलाए जाएंगे. साथ ही आम लोगों से अपील की जाएगी कि वो अपने घरों के बाहर दिए जलाएं. साथ ही अयोध्या में दीवारों की सजावट का काम शुरू हो गया है.
4. 5 अगस्त को भूमि पूजन के दिन रामलला हरे रंग का नवरत्न जड़ित वस्त्र पहनेंगे. रामलला को हर दिन अलग-अलग रंग के कपड़े पहने जाते हैं, 5 अगस्त बुधवार का दिन है ऐसे में उस दिन हरे रंग के वस्त्र में होंगे रामलला. भगवान राम के अलावा तीनों भाई लक्ष्मण, भरत और शत्रुघ्न और साथ-साथ हनुमानजी को भी नई पोशाक पहनाई जाएगी.
5. भूमि पूजन को ऐतिहासिक बनाने के लिए हरिद्वार में हर की पौड़ी पर ब्रह्मकुंड में संतों ने गंगाजल और मिट्टी की पूजा की, इस पवित्र जल और मिट्टी को भी भूमिपूजन के लिए अयोध्या भेजा जाएगा. महाकाल को प्रभुराम का आराध्य माना जाता है, इसीलिए महाकाल वन की मिट्टी, शिप्रा नदी का जल और भस्म भूमिपूजन के लिए अयोध्या भेजा गया है.
6. अगर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यक्रम की बात करें तो 5 अगस्त को पीएम का हेलिकॉप्टर अयोध्या के साकेत महाविद्यालय में उतरेगा. करीब साढ़े 11 बजे पीएम अयोध्या के राम मंदिर परिसर में आएंगे, 1 घंटे के भूमि पूजन के कार्यक्रम के बाद पीएम का संबोधन होगा.
7. यहां परिसर में 50-50 लोगों के अलग-अलग ब्लॉक में करीब 200 लोग मौजूद होंगे. 50 की संख्या में देश के बड़े साधु-संत मौजूद रहेंगे, 50 की संख्या में देश के बड़े नेता और आंदोलन से जुड़े लोग रहेंगे. इनमें लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, उमा भारती और कल्याण सिंह के साथ साध्वी ऋतंभरा और विनय कटियार भी कार्यक्रम में मौजूद रहेंगे. साथ ही कुछ राज्यों के मुख्यमंत्री भी इसमें शामिल हो सकते हैं. 50 की संख्या में उद्योगपति और अधिकारी भी कार्यक्रम में मौजूद रहेंगे.
8. कोर्ट-कचहरी के चक्कर लगाने के बाद रामलला के मंदिर निर्माण का रास्ता खुला है. ऐसे में इतिहास के इन्हीं दिक्कतों से सबक लेते हुए भविष्य की नींव रखी जा रही है. राम मंदिर के गर्भगृह से 200 फीट नीचे टाइम कैप्सूल रखने का फैसला किया गया है. ऐसा इसलिए ताकि समाज, कालखंड या राम मंदिर से जुड़े इतिहास को सुरक्षित रखा जाए. भविष्य में लोग अयोध्या के मौजूदा हालात को जान सकें, भविष्य की पीढ़ी को खास युग, समाज, देश के बारे में जानकारी मिल सके.
9. टाइम कैप्सूल इसलिए भी खास है क्योंकि ये भविष्य की तैयारी रखेगा. टाइम कैप्सूल एक कंटेनर की तरह होता है जिसे खास किस्म के तांबे से तैयार किया गया है. अमूमन टाइम कैप्सूल की लंबाई करीब तीन फुट की होती है, टाइम कैप्सूल में रखे सभी दस्तावेज पूरी तरह से सुरक्षित रहते हैं. इसकी वजह ये है कि टाइम कैप्सूल हर मौसम को झेलने में सक्षम होता है.
10. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 5 अगस्त को मंदिर के भूमि पूजन के बाद करीब 500 करोड़ की सौगात अयोध्या को देंगे, जिसमें 326 करोड़ से ज्यादा की परियोजनाओं का शिलान्यास और 161 करोड़ से ज्यादा के परियोजनाओं का लोकार्पण करेंगे.