दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) ने अपने अंतर्गत आने वाले कॉलेजों में जल्द आरक्षण नीति को लागू किए जाने को लेकर कदम उठाए हैं।
डीयू ने एक सर्कुलर जारी कर एससी, एसटी, ओबीसी और दिव्यागों के आरक्षण नीति और बैकलॉग पूरा करने के लिए निर्देश दिए हैं। पत्र में कहा गया है कि सरकार और यूजीसी की आरक्षण नीति को सही ढंग से लागू करते हुए पदों को भरा जाए।
दिल्ली विश्वविद्यालय की एकेडमिक काउंसिल के मेंबर प्रो. हंसराज सुमन ने बताया कि डीयू कॉलेजों को भेजे गए पत्र में यह स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि लोकसभा सचिवालय ने दिल्ली विश्वविद्यालय में आरक्षण को लेकर एक रिपोर्ट तैयार की थी।
यह रिपोर्ट एससी/एसटी के कल्याणार्थ संसदीय समिति ने बनाई है और इस रिपोर्ट को लेकर संसदीय समिति की बैठक विगत वर्ष के अंत में हो चुकी है। उन्होंने बताया कि समिति ने दिल्ली विश्वविद्यालय के कॉलेजों से पूछा है कि डीयू के विभागों और कॉलेजों में केंद्र सरकार की आरक्षण नीति को सही ढंग से क्यों नहीं लागू किया गया है।
इसी तरह का एक सर्कुलर यूजीसी ने भी दिल्ली विश्वविद्यालय को भेजा है जिसमें एससी, एसटी, ओबीसी के बैकलॉग संबंधी आकड़े मागे गए हैं। इन आकड़ों में कितने पदों पर एससी, एसटी, ओबीसी का बैकलॉग है उसके लिए यूजीसी ने और डीयू ने कॉलेजों को एक प्रारूप भेजा है जिसे विभागों व कॉलेजों ने प्रारूप में पूरी जानकारी भरकर विगत इस सप्ताह के शुरू में भेजा जाना था।
यूजीसी के इस पत्र में श्रेणीवार पदों को भरने जिसमें सहायक प्रोफेसर, एसो, प्रोफेसर के कुल संख्या में कितने पद भरे हैं और कितने रिक्त पड़े हैं का ब्योरा मांगा गया है। इसी तरह से नॉन टीचिंग के अंतर्गत ए, बी, सी और डी के पदों के विषय में भी पूछा गया है।