45 दिन में 13 करोड़ भारतीयों का सुरक्षा कवच बन गया: आरोग्य सेतु एप

कोरोना संक्रमण से लड़ाई में आरोग्य सेतु तेजी से भारतीयों की ढाल बन रहा है। एप 2 अप्रैल को अपनी औपचारिक लांचिंग के बाद से महज 45 दिन में 13 करोड़ भारतीयों का सुरक्षा कवच बन गया है।

इस एप को तेजी से भारतीय अपने फोन पर डाउनलोड कर रहे हैं। उन्हें इसकी मदद से न केवल कोरोना संक्रमण का अलर्ट मिलता है बल्कि इसकी सहायता से स्वास्थ मंत्रालय भी कोरोना संक्रमण की निगरानी करता है।

तेजी से लोगों के बीच लोकप्रिय हो रहा एप दुनिया के उन एप्स की श्रेणी में भी शामिल हो गया है जो इतने कम समय में इतना ज्यादा लोकप्रिय हो गया है। इसका सबसे ज्यादा फायदा लोगों के अलावा सरकार को  भी हो रहा है। वह इसकी मदद से बीमार और जरुरतमंदों के पास तक पहुंच रहा है।

इस एप को कोरोना संक्रमण की जंग में जागरुकता और संक्रमित लोगों की निगरानी के मकसद से 2 अप्रैल को लांच किया गया था। इसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्र के नाम संबोधन में 14 अप्रैल को लोगों से इसे डाउनलोड करने की अपील की थी।

इसके बाद महज पांच से 10 दिन में ही इसने पांच करोड़ लोगों तक अपनी पहुंच बना ली। नीति आयोग से जारी आकड़ों के अनुसार इसकी लोकप्रियता का अंदाजा इससे ही लगाया जा सकता है कि जहां टेलीफोन ने 75 साल में पांच 5 करोड़ लोगों तक अपनी पहुंच बनाई।

वहीं रेडियों जैसे लोकप्रिय माध्यम को भी लगभग तीन दशक से ज्यादा यानि 38 साल लग गए, टेलीविजन को यह सफर तय करने में 13 साल का समय लगा, जबकि पोकेमॉन गो को 19 दिन लगे और आरोग्य सेतु एप ने केवल पांच दिन में यह महारत हासिल कर अब अपनी आमद को 13 करोड़ तक पहुंचा दिया है।

आरोग्य सेतु एप की कार्यप्रणाली की बात करें तो यह ब्लूटूथ और स्थान डेटा का उपयोग करते हुए उपयोगकर्ताओं को कोरोना संक्रमण के बारे में बताता है।

यह उपयोगकर्ता को 500 मीटर से लेकर 10 किलोमीटर के दायरे तक कोरोना संक्रमण और डेटाबैंक की मदद से कोरोना संक्रमित व्यक्ति की सूचना देता है। इस जानकारी को वह सरकार की तरफ से तैयार सिस्टम से सांझा करता है।

इसमें अगर आपने दो हफ्तों में किसी से मुलाकात की है, जिसका कोरोना परीक्षण सकारात्मक आया है तो एप आपके संक्रमण जोखिम की गणना करता है कि आप संक्रमण के कितने संवेदनशील दायरे में हैं और आपको उपाय भी सुझाता है।

इसमें किसी भी उपयोगकर्ता का नाम, पता और नंबर सार्वजनिक नहीं किया जाता। इसे कंटनेमेंट जोन में रहने वाले सभी सरकारी और निजी क्षेत्र के कर्मचारियों के लिए अनिवार्य किया गया है।

इसके अलावा दिल्ली और नोएडा के लिए भी यह अनिवार्य है। इस नियम का पालन न करने पर छह माह तक की जेल का भी प्रावधान किया गया है। इसके डोर स्टेप डिलवरी करने वाली सुविधाओं से जुड़े लोगों के लिए भी अनिवार्य किया गया है।

 

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