कोरोना वायरस के कारण देशभर में लागू लॉकडाउन के दौरान शराब की दुकानें खोलने की इजाजत मिलने के बाद मेघालय सरकार ने शराब की दुकानों से राजस्व के रूप में 6 करोड़ रुपये एकत्र किए हैं।
समाचार एजेंसी के अनुसार उपमुख्यमंत्री प्रिस्टोन तिनसॉन्ग ने इसकी जानकारी दी। हालांकि, अधिकारियों ने ग्राहकों और दुकान मालिकों से शारीरिक दूरी के नियमों का सख्ती से पालन करने का आग्रह किया है। इसमें विफल रहने पर दुकानों को बंद करने का आदेश दिया जाएगा।
कोरोना वायरस (COVID-19) की वजह से देशभर में लागू लॉकडाउन के बीच राज्यों ने शराब के ठेके खोल दिए हैं। इसके बाद शराब के ठेकों पर भीड़ चिंता बनी तो राज्यों ने इसके लिए अगल-अलग नुस्खे निकालना शुरू कर दिया, ताकि राजस्व भी बढ़े और लोगों को समस्या कम हो।
इसके लिए कहीं लोगों की उंगली पर स्हायी लगाई जा रही तो कहीं होम डिलिवरी की व्यवस्था की गई है। इसके अलावा राज्य कोरोना चार्ज, ई-टोकन समेत कई अन्य नुस्खें आजमा रहे हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने शराब की दुकानों को बंद कराने को लेकर दायर याचिका पर आदेश देने से मना कर दिया है। हालांकि, कोर्ट ने कहा कि राज्य सरकारें परोक्ष बिक्री जैसे ऑनलाइन या होम डिलीवरी पर विचार कर सकती हैं।
बता दें कि इस याचिका में शराब की दुकानों को बंद करने का आदेश देने की मांग की गई थी। याचिका में कहा गया था कि भीड़ लगने से शारीरिक दूरी का उल्लंघन हो रहा है, ऐसे में शराब की दुकानों को खोलने पर रोक लगाई जानी चाहिए।
मदुरै में CPI-M कार्यकर्ताओं सहित प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच हाथापाई हुई। ये तमिलनाडु सरकार के राज्य में लॉकडाउन के दौरान शराब की दुकानें खोलने के फैसले का विरोध कर रहे थे।
तमिलनाडु में कोरोना वायरस लॉकडाउन के बीच राज्य में शराब की दुकानें खोलने के राज्य सरकार के आदेश के खिलाफ महिलाओं के एक समूह ने त्रिची में विरोध प्रदर्शन किया।
समाचार एजेंसी के अनुसार दिल्ली के गोल मार्केट में एक शराब की दुकान के बाहर लोगों की काफी भीड़ दिखी।पुलिस लोगों को यहां से हटा रहे हैं क्योंकि सरकार ने इसके लिए ई-टोकन जारी किया है इस टोकन के जरिए ही अब लोग शराब खरीद सकेंगे।शराब की दुकानों पर भीड़ को देखते हुए ये फैसला लिया गया ताकि सामाजिक दूरी बनी रहें।
बता दें कि 17 मई तक लॉकडाउन को बढ़ाए जाने के बाद, गृह मंत्रालय (MHA) ने शराब की दुकानें खोलने की अनुमति देने के लिए नए दिशानिर्देश जारी किए।