चुनाव के पहले और नतीजों के आने के बाद ईवीएम को लेकर फैलाये जाने वाले झूठ को लेकर निर्वाचन आयोग के साथ सुप्रीम कोर्ट भी सख्त है। सुप्रीम कोर्ट ने ईवीएम से जुड़ी जिन दो याचिकाओं को खारिज किया है उनमें से एक में 19 लाख से अधिक ईवीएम के गायब होने का आरोप लगाया गया था। कोर्ट ने जब इसके सबूत मांगे तो याचिकाकर्ताओं पेश नहीं कर पाए।
चुनाव के पहले और नतीजों के आने के बाद ईवीएम ( इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीन) को लेकर फैलाये जाने वाले झूठ को लेकर निर्वाचन आयोग के साथ सुप्रीम कोर्ट भी सख्त है। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को भी ईवीएम से जुड़े दो ऐसे ही मामलों से जुड़ी याचिकाओं को न सिर्फ खारिज किया, बल्कि एक याचिकाकर्ता पर जुर्माना भी लगाया है।
EVM से जुड़ी अबतक कितनी याचिकाएं हुईं खारिज?
वहीं, दूसरी याचिका को बगैर सुने ही खारिज कर दिया। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट अब तक ईवीएम से जुड़ी चालीस याचिकाओं को खारिज कर चुका है। यह सभी याचिकाएं ईवीएम की चोरी, गड़बड़ी और कमियों से जुड़ी थी। हालांकि, इसे लेकर कोई सबूत पेश नहीं किए गए थे।
सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को ईवीएम से जुड़ी जिन दो याचिकाओं को खारिज किया है, उनमें से एक में 19 लाख से अधिक ईवीएम के गायब होने का आरोप लगाया गया था। कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं से जब इसके सबूत मांगे तो वह पेश नहीं कर पाए। नाराज कोर्ट ने 2016-19 के बीच 19 लाख ईवीएम के गायब होने के जुड़ी याचिका को खारिज कर दिया और जुर्माना भी लगाया।
दूसरी याचिका में ईवीएम में गड़बड़ी का आरोप लगाते हुए चुनाव को फिर बैलेट पेपर के जरिए कराए जाने की मांग की थी। जिसे कोर्ट ने बगैर सुने ही खारिज कर दिया।
कोर्ट पहले भी लगा चुका है भारी जुर्माना
निर्वाचन आयोग से जुड़े सूत्रों के मुताबिक, इन दोनों याचिकाओं को खारिज किए जाने के साथ ही सुप्रीम कोर्ट अब तक ईवीएम को लेकर दायर की गई 40 याचिकाओं को खारिज कर चुका है। इस दौरान ज्यादा मामलों में ईवीएम से जुड़ी गड़बड़ी या गायब होने को लेकर कोई सबूत नहीं पेश किए गए थे। इस दौरान 2022 में ईवीएम को लेकर एक ऐसे ही मामले में कोर्ट याचिकाकर्ता पर 50 हजार का जुर्माना भी लगा चुका है। इससे पहले वह 2021 में भी एक याचिका पर दस हजार का जुर्माना लगा चुका है। गौरतलब है कि चुनावों में ईवीएम का 42 सालों से इस्तेमाल किया जा रहा है, लेकिन झूठी शिकायतें अभी भी जारी है।