इंफोसिस के सह-संस्थापक नारायण मूर्ति ने अपने चाह महीने के पोते एकाग्र रोहन मूर्ति को 240 करोड़ रुपये से अधिक के 15 लाख शेयर गिफ्ट किए हैं। हालिया विनियामक फाइलिंग से पता चलता है कि 77 वर्षीय ने शुक्रवार को एक ऑफ-मार्केट लेनदेन में अपने पोते को इंफोसिस की 0.04 प्रतिशत हिस्सेदारी वाले शेयर हस्तांतरित कर दिए। शेयर ट्रांसफर के बाद इंफोसिस में नारायण मूर्ति की हिस्सेदारी 0.36 फीसदी तक गिर गई। बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) पर इंफोसिस के शेयर 1,602.30 रुपये पर बंद हुए, जो दर्शाता है कि एकाग्र मूर्ति ने 2,403,450,000 रुपये की संपत्ति हासिल की है।
इंफोसिस के संस्थापक नारायण मूर्ति के बेटे रोहन मूर्ति और उनकी पत्नी अपर्णा कृष्णन की संतान एकाग्र का जन्म पिछले साल 10 नवंबर को बेंगलुरु में हुआ था। एकाग्र नारायण मूर्ति और पत्नी सुधा मूर्ति के तीसरे पोते हैं, जिन्होंने पिछले हफ्ते राज्यसभा सांसद के रूप में शपथ ली थी। नारायण मूर्ति और सुधा मूर्ति के दो अन्य पोते, कृष्णा और अनुष्का हैं, जो अक्षता मूर्ति और ब्रिटिश प्रधान मंत्री ऋषि सुनक की बेटियां हैं।
गौरतलब है कि दिसंबर तिमाही के अंत तक अक्षता मूर्ति के पास इंफोसिस में 1.05 फीसदी हिस्सेदारी थी, जबकि सुधा मूर्ति के पास 0.93 फीसदी और रोहन के पास 1.64 फीसदी हिस्सेदारी थी। मूर्ति ने छह अन्य सह-संस्थापकों के साथ मिलकर 1981 में इंफोसिस की शुरुआत की थी। अशोक अरोड़ा को छोड़कर, जो 1989 में सॉफ्टवेयर सेवा निर्यातक कंपनी छोड़कर अमेरिका में बस गए थे, सभी सह-संस्थापक तब से अरबपति बन गए हैं।
हाल ही में इंडिया टुडे कॉन्क्लेव 2024 में, नारायण मूर्ति ने नैस्डैक पर कंपनी की ऐतिहासिक लिस्टिंग को याद किया, एक उपलब्धि जिसने भारतीय व्यवसायों के लिए एक बड़ा मील का पत्थर साबित किया। उन्होंने यह भी बताया कि कैसे उनकी पत्नी सुधा मूर्ति भारत की दूसरी सबसे बड़ी आईटी फर्म के अन्य सभी संस्थापकों की तुलना में “बहुत अधिक योग्य” थीं।