सुप्रीम कोर्ट में कानूनी लड़ाई जीतने के बाद दिल्ली की केजरीवाल सरकार फौरन हरकत में आ गई है. शीर्ष अदालत ने अपने फैसले में साफ कह दिया है कि दिल्ली सरकार के सभी फैसले उप राज्यपाल पर बाध्य होंगे.
इस फैसले के आने के बाद मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आज शाम 4:00 बजे दिल्ली सचिवालय पर कैबिनेट की बैठक बुलाई है, जिसमें सभी मंत्रियों के विभागों में लंबित पड़े कामकाज से जुड़ी फाइलों को तलब किया है.
दिल्ली सरकार का मानना है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के बाद पुलिस, जमीन और पब्लिक ऑर्डर के अलावा तमाम मसलों में फैसले लेने का अधिकार आम आदमी पार्टी की सरकार को मिल गया है. इसी को ध्यान में रखते हुए गुरुवार को केजरीवाल सरकार बड़े पैमाने पर दिल्ली सरकार में प्रशासनिक फेरबदल करने जा रही है.
सूत्रों के मुताबिक गुरुवार को केजरीवाल सरकार बड़े स्तर पर IAS अधिकारियों से लेकर निचले तबके के अधिकारियों के विभागों में फेरबदल करने के साथ उन्हें नई जिम्मेदारियां सौंप सकती है. अभी तक केजरीवाल सरकार अधिकारियों पर नियंत्रण न होने के चलते कामकाज प्रभावित होने का बहाना बनाती रही है.
सरकार अब सीसीटीवी परियोजना, मोहल्ला क्लीनिक, नए स्कूलों और राशन की होम डिलीवरी की योजना को फौरन अमल में लाएगी. अभी तक मंजूरी के लिए इन योजनाओं की फाइलें उप राज्यपाल के दफ्तर में लटकी पड़ी थी. सबसे अहम मौका तब होगा, जब दिल्ली सरकार अधिकारियों के फेरबदल के आदेश जारी करेगी. इस फेरबदल के आदेश को लेकर दिल्ली में एक बार फिर नया बवाल खड़ा होने की आशंका जताई जा रही है
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