नेपाल को भले ही गरीब देश माना जाता है, लेकिन वहां के अमीरों के पास काले धन की कमी नहीं है। पता चला है कि नेपालियों के 35.8 अरब रुपए स्विस बैंकों में जमा हैं। जबकि नेपाल के कानून के अनुसार किसी भी नागरिक का अन्य देश में पैसा जमा करना गैरकानूनी कृत्य है। सेंटर फॉर इन्वेस्टिगेटिव जर्नलिज्म के तहत प्रकाशित रिपोर्ट में यह रहस्योद्घाटन हुआ है।
‘नेपाल लीक्स 2019 : इलीगल वेल्थ वाच’ शीर्षक से बुधवार रात जारी हुई इस रिपोर्ट में बताया गया है कि 55 नेपालियों ने खनन कंपनियों में निवेश किया है। इन्होंने ऐसा कर देश की कर व्यवस्था को चोट पहुंचाई और विदेश में धन जमा न करने के कानून का उल्लंघन किया।
तथ्यों को प्राप्त करने के लिए पत्रकारों ने तीन हजार से ज्यादा कंपनियों और अदालतों के दस्तावेजों का विश्लेषण किया। साथ ही 70 लोगों से जानकारियां प्राप्त कीं। ब्रिटिश वर्जिन द्वीपों की खनन कंपनियों में बड़े पैमाने पर निवेश की जानकारी मिली है। ये वही कंपनियां हैं जिनमें बड़ी मात्रा में काले धन का निवेश होता है।
जिन लोगों ने विदेश में धन का निवेश किया है उनमें राजनीतिक लोग, उद्योगपति, बड़े कारोबारी, डॉक्टर और होटल स्वामी शामिल हैं। इनमें से कुछ अप्रवासी नेपाली भी हैं। जिन अवैध निवेशकों के नाम सामने आए हैं उनमें उद्योगपति उपेंद्र महतो, चंद्रा ढकाल, राजेंद्र बाजगाई और मीनू शाह छिब्बर शामिल हैं।
विदेश में अवैध निवेश का चलन 1996 से उस वक्त शुरू हुआ, जब नेपाल में माओवादी हिंसा की शुरुआत हुई थी। यह हिंसा करीब दस साल तक चली थी। इससे लोगों में भविष्य को लेकर आशंकाएं पैदा हुई थीं।