NEW DELHI: यूपी के फतेहपुर जिले में एक रहस्यमयी सुरंग है। इसके बारे में कहा जाता है कि आजतक जो भी इसमें गया, लौटकर वापस नहीं आया। इस सुरंग को करीब 350 साल पहले औरंगजेब ने बनवाया था। इसका नाम बागबादशाही है।
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फतेहपुर जिले के खजुहा गांव में आज भी एक रहस्यमयी सुरंग है। स्थानीय लोगों की मानें तो सुरंग में अगर भूल से भी कोई अंदर गया तो कभी वापस नहीं आया। खजुहा गांव के रहने वाले हर्षित बाजपेयी ने बताया- एक बार गांव में शादी थी। बारात में आए काफी संख्या में लोग इस सुरंग को देखने के लिए अंदर गए, लेकिन वापस नहीं आए।
एक और गांव के निवासी बृजबिहारी बाजपेयी की मानें तो सुरंग कोलकाता से पेशावर तक है। हालांकि, अब इसे बंद कर दिया गया है। जानकार बताते हैं कि उस समय यहां पर शाहजहां के बेटे शाहशुजा का राज था। औरंगजेब ने इसे हड़पने को लेकर कई बार यहां पर आक्रमण किया, लेकिन हार गया। 5 जनवरी 1659 को औरंगजेब ने फिर से यहां पर आक्रमण किया और शाहजहां को हरा दिया। जीत की खुशी में औरंगजेब ने जश्न मनाया और इस बागबादशाही का निर्माण करवाया।
बागबादशाही में पूर्व की तरफ 3 मीटर ऊंचे चबूतरे में 2 बारादरी बनाई गई है। इनमें विशाल कमरे भी बनाए गए थे, जो बारादरी बनी थी उसके सामने एक सुंदर तालाब बनाया गया है। एक कुआं भी बनाया गया है, जोकि बागबादशाही के बीच में बना हुआ है। बागबादशाही के चारों तरफ ऊंची-ऊंची दीवारें और बुर्ज बनाए गए हैं। जानकारों की मानें तो इन्हीं बारादरी में औरंगजेब रहता था, जबकि बारादरी के सामने बाग था। उत्तर की तरफ चहारदीवारी में तीन बड़े-बड़े कुएं बनाए गए थे, जो कई हजार फीट गहरे हैं।
ये कुएं आज भी यहां देखे जा सकते हैं। इनमें बड़ी-बड़ी जंजीरें पड़ी हुई हैं। कहा जाता है कि इन कुओं से बाग में पानी पहुंचाया जाता था। यहां पर पश्चिम में एक विशाल गेट है, जबकि दूसरा गेट खजुआ गांव की तरफ है। इन गेट के ऊपर चढ़कर पूरे बागबादशाही का नजारा देखा जा सकता है। गांव के अंदर चारों तरफ दीवारें बनी हुई हैं और विशाल फाटक बनाए गए हैं। बताया जाता है कि यहां पर घुड़सवाल था, जिसमें घोड़े और सैनिक रहते थे।
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