दिसंबर 2016 में चेन्नई में इंग्लैंड के खिलाफ नाबाद 303 रनों की पारी खेलने के बाद करुण नायर तीन टेस्ट में खास प्रदर्शन नहीं कर सके और उसके बाद उन्हें भारतीय टीम से ऐसा बाहर किया गया कि उन्हें एक बार कहना पड़ा कि क्रिकेट मुझे एक मौका और दो। मार्च 2017 में उन्होंने आखिरी टेस्ट खेला था और जब किसी को उम्मीद नहीं थी कि उन्हें क्रिकेट के सबसे बड़े प्रारूप में मौका मिलेगा। तब उन्होंने घरेलू क्रिकेट में इतने रन बनाए कि उन्हें वापसी का मौका मिला।
शुभमन गिल की कप्तानी में इंग्लैंड में चल रही पांच टेस्ट मैचों की सीरीज में उनका चयन किया गया। इस मैच से पहले यहां भी वह छह पारियों में 00, 20, 31, 26, 40 और 14 रन बनाकर आउट हो गए। इस कारण उन्हें मैनचेस्टर टेस्ट में नहीं खिलाया गया और तब एक बार फिर सब ये कहने लगे कि इस 33 वर्षीय क्रिकेटर ने अपना आखिरी टेस्ट खेल लिया है, लेकिन भगवान को कुछ और मंजूर था। ऋषभ पंत के चोटिल होने और पिच पर घास होने के कारण भारतीय टीम ने ओवल में आखिरी टेस्ट में लंबा बल्लेबाजी क्रम खिलाने की योजना बनाई जिसके कारण नायर (नाबाद 52) को एक और मौका मिला।
दूसरी बार हुआ ऐसा
यहां उन्होंने 3271 दिन बाद टेस्ट में अपना दूसरा 50 से ज्यादा का स्कोर बनाकर खुद की और भारतीय टीम की उम्मीदें जिंदा रखीं हैं। पांच टेस्ट मैचों की सीरीज में 1-2 से पीछे चल रही भारतीय टीम ने पहले दिन का खेल खत्म होने तक छह विकेट पर 204 रन बना लिए थे। करुण के साथ पिछले मैच के शतकवीर वॉशिंगटन सुंदर 19 रन बनाकर खेल रहे थे। बता दें कि 3149 दिन बाद करुण नायर ने टेस्ट में 50 या उससे ज्यादा रन की पारी खेली। किसी भारतीय बल्लेबाज के लिए दो 50+ स्कोर के बीच यह दूसरा सबसे बड़ा गैप है। (दूसरे विश्व युद्ध के गैप को छोड़कर)
टिक गए नायर
इस सीरीज में अब तक की सबसे कठिन बल्लेबाजी परिस्थितियों में भारतीय बल्लेबाजों का असली टेस्ट हुआ। ओपनर यशस्वी जायसवाल, केएल राहुल, साई सुदर्शन, रवींद्र जडेजा और ध्रुव जुरैल उसमें फेल हो गए। कप्तान शुभमन गिल आत्मघाती रनआउट का शिकार हुए। ऐसे समय में करुण ने टिककर छोटी-छोटी साझेदारियां कीं और वॉशिंगटन के साथ मिलकर स्कोर को 200 के पार पहुंचाया। भारत ने पहले दिन का खेल खत्म होने तक 6 विकेट के नुकसान पर 204 रन बना लिए हैं।