भारत आने वाले आठ वर्षों में चीन को पीछे छोड़ते हुए दुनिया की सबसे बड़ी आबादी वाला देश बन जाएगा। वहीं साल 2019 और 2050 के बीच चीनी आबादी में 2.2 फीसदी की कमी आ जाएगी। यह कमी 31.4 मिलियन या 3.14 करोड़ के बराबर होगी।
‘द वर्ल्ड पॉपुलेशन प्रोस्पेक्ट्स: हाइलाइट्स’ शीर्षक से प्रकाशित संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट में यह चौंकाने वाला खुलासा किया गया है। साल 2050 तक दुनिया की आबादी 7.7 अरब से बढ़कर 9.7 अरब तक हो जाएगी। यही नहीं दुनिया की आधी जनसंख्या केवल नौ देशों में ही होगी। इनमें भारत, नाइजीरिया, पाकिस्तान, लोकतांत्रिक गणराज्य कांगो, इथियोपिया, तंजानिया, इंडोनेशिया, मिस्र और अमेरिका शामिल हैं। घटते क्रम में रखा गया है।
सदी के अंत तक दुनिया की आबादी के लगभग 10.9 अरब होने का अनुमान है। यही नहीं 2050 तक व्यावहारिक रूप से सब-सहारा अफ्रीका की आबादी दोगुनी होगी। वैश्विक प्रजनन दर में कमी के बावजूद जनसंख्या में यह बढ़ोतरी देखी जाएगी। बीते 69 वर्षों में दुनिया की आबादी में तीन गुना इजाफा हुआ है। साल 1990 में प्रति वुमन जन्म दर 3.2 थी जो 2019 में घटकर 3.2 पर आ गई है, साल 2050 तक इसके और कम होकर 2.2 होने का अनुमान है। यही नहीं साल 1990 में जीवन प्रत्याशा 64.2 जो 2019 बढ़कर 72.6 साल हो गई है, 2050 तक इसके और बढ़कर 77.1 साल पर आने का अनुमान है। यह भी अनुमान है कि अगले 30 साल में भारत की जनसंख्या में 27.3 करोड़ का इजाफा हो सकता है।